पांच साल पहले सेंट्रल कर्मचारी की हुई थी मौत
एक सड़क हादसे में करीब पांच साल पहले केंद्र सरकार के संस्थान में कार्यरत कर्मचारी घायल हुए थे। अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसके कुछ दिनों बाद अचानक उनकी मृत्यु हो गई। तभी पीड़ित परिवार के मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज पांडे ने करते हुआ परिवार को 92 लाख 81 हजार 759 रुपए के साथ 6 परसेंट ब्याज दिलाने में सफल हुए। मृतक का नाम विनोद बाबू है। ये इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस में असिस्टेंट चीफ टेक्निकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। जानकारी के मुताबिक, 26 सिंतबर 2019 की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इस दौरान इन्हें एक कार ने टक्कर मार दी। जिसके बाद उन्हें घायल अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। कई दिनों तक भर्ती रहने के बाद उनका निधन हो गया।
कोर्ट ने दिए मुआवजे के आदेश
वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज पांडे के द्वारा 2 जनवरी 2020 के दिन इस मामले को 24 वें एमएसीटी न्यायालय यानी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में दाखिल किया था। करीब 4 साल से ज्यादा ये केस चलने के बाद 25 अप्रैल 2024 को ट्रिब्यूनल की तरफ से आदेश पारित किया गया, जिसमें सड़क हादसों में दम तोड़ने वाले लोगों के परिवार को मदद दिलाने बड़ा संदेश दिया गया।