पिछले एक साल में हुजूर तहसील में 12542 आवेदन आए थे। इसमें से 8587 का निराकरण हुआ था, 3687 आवेदन निरस्त किए गए थे। इसमें से 15 सौ फर्जी थे। इसके अलावा दलाल अब तक अनगिनत जाति प्रमाण पत्र बनवा चुके हैं जिनका रेकार्ड तहसील में नहीं है।
वर्तमान में जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने का तरीका ऑनलाइन हो चुका है। लोकसेवा गारंटी केंद्र से आवेदन संबंधित एसडीएम के यहां आता है। उसका जाति संबंधित रेकॉर्ड का मिलान कर नायब तहसीलदार रिपोर्ट लगाते हैं। इसके बाद एसडीएम ओके करते हैं।
इस स्थिति में भी तहसील और नजूल कार्यालयों में चार में से दो आवेदन पास होते हैं क्योंकि दो का रेकार्ड न मिलने के अभाव में रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसके बाद आवेदक दलाल के संपर्क में आता है। दलाल के माध्यम से बने प्रमाण पत्र सभी फर्जी रहते हैं। इससे पहले जब मैन्युअली जाति प्रमाण पत्र बनते थे तब स्थिति अलग थी। उस समय भारी संख्या में फर्जीवाड़ा हुआ है।
अभी हमारे पास सेना की तरफ से कोई प्रमाण-पत्र नहीं आया है, ऐसे में हम किस पर कार्रवाई करें। प्रमाण पत्र आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
– राजकुमार खत्री, एसडीएम हुजूर
इधर, पंजीयन होशंगाबाद के युवक ने कराया और भर्ती में शामिल होने आया यूपी का युवक…
विदिशा से आर्मी भर्ती के दौरान मंगलवार को फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया। इसमें पंजीयन होशंगाबाद के युवक ने कराया था और एडमिट कार्ड में फोटो बदलकर यूपी का युवक भर्ती में शामिल हुआ।
इसी तरह यूपी, नोयडा और दिल्ली आदि राज्यों के कई युवा फर्जी दस्तावेज बनवाकर भर्ती में शामिल होने आए। इसके साथ ही एक युवक तो एक दिन पूर्व भर्ती प्रक्रिया में फेल होने के बावजूद अगले दिन सीधे मेडिकल टीम के पास जांच कराने पहुंच गया। आर्मी भर्ती में तीसरे दिन मंगलवार को भी 12 मुन्नाभाई पकड़ाए।
दो दिन तक तो अंकसूची, मूल निवासी, स्थाई निवासी, आधारकार्ड, पेनकार्ड आदि फर्जी दस्तावेजों के साथ मप्र के अभ्यार्थी पकड़ाए थे। वहीं मंगलवार को होने वाली आर्मी भर्ती के दौरान होशंगाबाद और राजगढ़ जिले के पंजीकृत अभ्यर्थियों को शामिल होना था।
आर्मी भर्ती में तीन दिन में 110 मुन्नाभाई पकड़ाए हैं। वहीं मंगलवार को दिल्ली, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों के अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती में शामिल हुए थे। जिन्हें जांच के दौरान पकड़ लिया गया। वहीं एक अभ्यर्थी रिजेक्ट होने के बावजूद मंगलवार को मेडिकल जांच कराने पहुंच गया। नम्बर के आधार पर वह पकड़ा गया और उसे पुलिस के हवाले किया गया।
– मानस दीक्षित, कर्नल एवं डायरेक्टर जोनल रिक्रूटमेंट ऑफिस
इधर, पाटीदार समाज एसडीएम से मिला
जाति प्रमाण-पत्रों को लेकर पाटीदार समाज एसडीएम हुजूर राजकुमार खत्री से मिला। दरअसल 1984 के रेकार्ड में गुजराती लिखा हुआ है। इससे पहले समाज के लोगों ने पूर्व सीएम को कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मंगलवार को समाज के लोगों ने एसडीएम से मिलकर इसमें सुधार कराने के लिए कहा है।