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भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री गौर ने नरेन्द्र मोदी के एट्रोसिटी एक्ट के फैसले पर उठाया सवाल

locationभोपालPublished: Sep 20, 2018 02:26:56 pm

Submitted by:

harish divekar

कहा एट्रोसिटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने का निर्णय गलत

babulal gaur

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एट्रोसिटी एक्ट के बिल लाने के फैसले को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने एट्रोसिटी एक्ट में जांच के बाद एफआईआर करने का फैसला दिया था, तो इसे बदलने की क्या जरुरत थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था उसे बहाल किया जाना चाहिए। गौर ने यह भी कहा कि सपाक्स और स्वर्ण समाज का विरोध भाजपा के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन सांसदों के खिलाफ है सवाल खडा किया है। जिन्होंने संसद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बिल पारित कर नया कानून बनाया। उन्होंने कहा कि आरोप साबित होने के पहले हर किसी को जमानत का हक़। इस एक्ट में यह कमी थी, सुप्रीम कोर्ट ने उसे ही दूर किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत का अधिकार दिया तो एक वर्ग ने उस का विरोध किया। पूर्व मुख्यमंत्री गौर ने कहा कि मैं भी इस पक्ष में हु की क़ानून सर्वसम्मत हो और उस का दुरूपयोग न हो। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है की चुनाव के पहले इस में कुछ निर्णय हो जाएगा। गौर ने कहा कि भाजपा को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वो सामान्य वर्ग की ही पार्टी है। ओबीसी और सामान्य वर्ग का सबसे ज्यादा वोट भाजपा को ही मिलता है इस देश में।
इधर विधायक ने सपाक्स के पीछे बताई विदेशी ताकत
सवर्ण आंदोलन पर उज्जैन जिले के भाजपा विधायक मोहन यादव ने विवादित बयान देकर राजनीति को गर्मा दिया है।
यादव ने सवर्ण आंदोलन के पीछे विदेशी फंडिंग, सिमी और इस्लामिक कट्टरपंथी का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि ये समाज को खण्ड खण्ड करने की साजिश रच रहे है, सिलिकॉन वैली से भी इस आंदोलन के लिए फंड आ रहा है। भाजपा विधायक ने कहा कि सवर्ण के नाम पर किए जा रहे आंदोलन पर समूचे हिन्दू समाज को लेकर सोचना होगा

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