क्या है फ्यूल कॉस्ट
फ्यूल कॉस्ट बिजली उत्पादन में लगने वाले ईंधन और उस माह बिजली उत्पादन में खर्च का अंतर है। वितरण कंपनियां हर तीन माह में इसे लागू करती हैं। ऐसे में अप्रेल 2024 से 5.24 प्रतिशत का एडजस्टमेंट लागू किया जाएगा। जिसका असर मई माह के बिल में नजर आएगा। फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट हर तीन माह में होता है, ऐसे में बिजली बिल में मनमर्जी से बढ़ोतरी का रास्ता बिजली कंपनियों का मिल गया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनी के फिक्सेजल ऑफ चार्ज नियम 2021 में बदलाव कर फ्यूल एंड पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज सीधे तौर पर उपभोक्ता से टैरिफ में बढ़ोतरी करने का अधिकार दे दिया। संसोधन में स्पष्ट है कि बिना आयोग में पहुंचे फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट को टैरिफ में जोडकऱ वसूली की जा सकती है।
अगले छह माह से बिल बढ़ता रहेगा
मप्र विद्युत नियामक आयोग ने मार्च में बिजली टैरिफ में 0.07 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी की थी, लेकिन तक 150 यूनिट का हाइ स्लैब कर दिया। यानि सारे उपभोक्ताओं का अब हाइस्लेब में ही बिल बनेगा, जिससे बिल में कम से कम दस फीसदी तक बढ़ोतरी की स्थिति है।
जून में पड़ेगा और भार
फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट के 5.24 फीसदी को इसी माह से लागू किया जाएगा, जिससे बिल दर बढ़ जाएगी। जबकि जून 2024 से सुरक्षा निधि एडजस्टमेंट शुरू होगा। जिससे बिल आठ से दस फीसदी तक बढ़े हुए आएंगे। इधर, अप्रेल से जून तक गर्मियों की स्थिति में बिजली की खपत 40 फीसदी तक बढ़ गई है, जो बिल को हाइस्लेब में कर 20 फीसदी तक बढ़ा देगी। एसी का तापमान सही रखें, एसी डिफाल्ट टेंपरेचर पर चलाएं, दरवाजे-खिड़कियां सही से बंद करें, जब कमरा ठंडा हो जाए तो कुछ देर के लिए एसी बंद कर दें। इसी तरह कूलर चलाते समय दरवाजे-खिड़कियों को वेटींलेशन के लिए खोले जिससे उमस घर से बाहर निकल सकें ।
इनका कहना है
विद्युत नियामक आयोग और बिजली कंपनियां तय नियमों से काम करते हैं। उपभोक्ताओं को लगातार राहत ही दी जा रही है। हम बिलिंग एक्यूरेसी और पूरी बिजली पर काम कर रहे हैं। रघुराज एमआर, एडी मध्यक्षेत्र व सचिव ऊर्जा विभाग