दरअसल, शुक्रवार को साध्वी ने भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि 26/11 के मुंबई हमले में शाहीद हुए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली है। साध्वी ने कहा था कि उनके कर्म ठीक नहीं थे। इसलिए संन्यासियों का श्राप लग गया था। भाजपा उम्मीदवार ने कहा था कि जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया था।
साध्वी के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में बवाल मच गया था। कांग्रेस भाजपा से साध्वी के बयान पर स्पष्टीकरण भी मांगा था। बाद में भाजाप ने एक बयान जारी कर कहा था कि करकरे पर साध्वी के दिए गए बयान पार्टी की नहीं बल्कि साध्वी के निजी बयान है.
बाद में U-टर्न लीं साध्वी करकरे पर दिए गए बयान पर सियासी बवाल मचने के साध्वी ने यू-टर्न लेते हुए कहा था कि अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वो उसे वापस लेती है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे बयान से देश के दुश्मनों को फायदा हो रहा है, लिहाजा मैं अपना बयान वापस लेती हूं और माफी मांगती हूं। उन्होंने आगे कहा कि यह मेरी निजी पीड़ा थी।
चुनाव आयोग ने लिया था संज्ञान साध्वी के करकरे पर दिए गया बयान पर शुक्रवार को चुनाव आयोग ने संज्ञाव लिया था और इस बयान का वीडियो भी मंगाया था। शनिवार को साध्वी के बयान की जांच कर उन्हें नोटिस भेजा है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।