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व्यापम घोटाला: दिग्विजय सिंह ने उमा भारती और शिवराज के खिलाफ दायर किया परिवाद, 27 हजार पन्नों की सौंपी रिपोर्ट

locationभोपालPublished: Sep 22, 2018 01:32:45 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

दिग्विजय सिंह ने करीब 27000 पन्नों की याचिका दाखिल की है।

दिग्विजय सिंह

व्यापम घोटाला: दिग्विजय सिंह ने उमा भारती और शिवराज के खिलाफ दायर किया परिवाद, 27 हजार पन्नों की सौंपी रिपोर्ट


भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री दग्विजय सिंह ने शनिवार को राजधानी भोपाल की स्पेशल कोर्ट में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार की कैबिनेट मंत्री उमा भारती सेत 18 लोगों के खिलाफ व्यापाम घोटाले को लेकर परिवाद दाखिल किया है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी शामिल थे। दिग्विजय सिंह ने करीब 27000 पन्नों की याचिका दाखिल की है।

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले का जिन्न एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती और क्राइम ब्रांच के 18 लोगों के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाकर व्यापम मामले की एक्सेल शीट में फेरबदल करने का आरोप लगाया है। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने काफी पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शिवराज सिंह पर व्यापमं घोटाले में शामिल होने और इंदौर थाने में व्यापम से जुड़ी एक्सेल शीट में छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए थे।
जिला कोर्ट में दर्ज कराया बयान
शनिवार को दिग्विजय सिंह ने जिला कोर्ट पहुंच कर बयान दर्ज कराया। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा दिग्विजय सिंह के वकील है। बता दें मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले को लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमालवर है।
क्या है घोटाला
व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश से जुड़ा प्रवेश एवं भर्ती घोटाला है जिस के पीछे कई नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यवसायियों का हाथ है। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल अथवा व्यापम राज्य में कई प्रवेश परीक्षाओं के संचालन के लिए जिम्मेदार राज्य सरकार द्वारा गठित एक स्व-वित्तपोषित और स्वायत्त निकाय है। ये प्रवेश परीक्षाएं, राज्य के शैक्षिक संस्थानों में तथा सरकारी नौकरियों में दाखिले और भर्ती के लिए आयोजित की जाती हैं। इन प्रवेश परीक्षाओं में तथा नौकरियों में अपात्र परीक्षार्थियों और उम्मीदवारों को बिचौलियों, उच्च पदस्थ अधिकारियों एवं राजनेताओं की मिलीभगत से रिश्वत के लेनदेन और भ्रष्टाचार के माध्यम से प्रवेश दिया गया एवं बड़े पैमाने पर अयोग्य लोगों की भर्तियां करने का आरोप है। घोटाले से जुड़े कई संदिग्धों की जांच के दौरान कथित तौर पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं को इन मौतों में कई मौतों को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत माना गया है।
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