ईओडब्ल्यू ने इस मामले की शिकायत की जांच के बाद केस दर्ज कर इन्वेस्टीगेशन शुरु की है। रिलायबल वेंचर्स इंडिया लि द्वारा संचालित होटल नूर उस सबाह के एमडी सिकंदर के पीएफ व एचआर का काम देखने वाले रंजन शर्मा ने सिकंदर के पीएफ खाता नंबर 100356246577 से यह रकम निकाल ली।
जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। पीएफ कार्यालय को भी इसकी खबर नहीं लगने दी। 25 जुलाई को रंजन ने त्याग पत्र दे दिया, लेकिन त्याग पत्र देने के करीब दो महीने पहले 24 मई 2019 को यह पैसा निकाल लिया था। अप्रेल 2019 में जब होटल के सभी कर्मचारियों के पीएफ खातों की अद्यतन रिपोर्ट ली गई तो इसका खुलासा हुआ।
इसमें पीएफ कार्यालय की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। पीएफ का पैसा निकालने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है, जिसमें पैसे निकालने के कारणों सहित अन्य विवरण दिया जाना अनिवार्य हैं। जांच में पता चला है कि सिकंदर ने इस तरह का कोई आवेदन पीएफ कार्यालय को नहीं दिया है।
लेकिन रंजन शर्मा ने 21 मई को सिकंदर के खाते से पैसे निकालने के लिए आवेदन किया और 25 मई को पैसा निकाल लिया। इसके लिए उसने पीएफ खाते में रजिस्टर्ड सिकंदर के मोबाइल नंबर तक बदल कर खुद के नंबर दर्ज करवा लिया। इससे खान को मिलने वाली सभी जानकारियां रंजन को मिलने लगी।
खुद के नाम से बनवाया डिजिटल सिग्नेचर
भविष्य निधि के खातों के संचालन के लिए मनोज मैथ्यू, जनरल मैनेजर के नाम से डिजिटल सिग्नेचर अधिकृत कर रखा था। इसी से पीएफ खाते ऑपरेट होते थे, लेकिन रंजन ने धोखाधड़ी करके स्वयं के नाम से डिजिटल सिग्नेचर पीएफ कार्यालय में दर्ज करवा लिया। जिसमें सिकंदर के फर्जी साइन थे।
बाद में 11 मई को रंजन ने खान के खाते से 90 प्रतिशत पैसा लोन के लिए आवेदन पेश किया। कुछ कागज नहीं होने के कारण इसे पीएफ कार्यालय ने रिजेक्ट कर दिया, लेकिन 33 लाख 50 हजार रुपए निकाल लिए गए।
नाथ के खाते से खुद के खाते में ट्रांसफर किया पैसा
यह पैसा आईसीआईसीआई बैंक, खूरजा रोड जैवार, नोएडा के खाता क्रमांक 436801500650 में भेजा गया, जो कि सिकंदर नाथ के नाम से खोला गया था। एनईएफटी के माध्यम से जिस खाते में भेजी गई रकम उससे सिकंदर हाफिज खान का कोई वास्ता नहीं था।
पीएफ कार्यालय ने षडयंत्र कर सिकंदर हाफिज खान के खाते की जगह सिकंदर नाथ के खाते में पैसे भेज दिए। बाद में रंजन ने यह पैसा अपने एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया। जांच में पाया गया कि रंजन उप्र के गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है और उसने आपराधिक मंशा से शुरु से ही यह काम किया।