राजधानी के मोर वन, मेडोरा, समरधा सहित वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में मोर हैं। वन क्षेत्र में सर्विलांस से इनकी निगरानी होती है। लेकिन बाहरी हिस्सों में इनकी सुरक्षा बड़ी दिक्कत बन रही है। मिली जानकारी के मुताबिक मोर वन क्षेत्र के आसपास कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। ये मोर वन में प्रवेश कर मोरों पर झपट रहे हैं। इसके कुछ मामले सामने आ चुके हैं।
राजधानी के जंगलों में करीब दस हजार मोर
शहर और राजधानी के आसपास के जंगलों में करीब दस हजार मोर हैं। पिछले साल गणना में यह संख्या सामने आई थी। दो सालों में संख्या में 33 फीसदी का इजाफा हुआ है। जानकारों ने बताया कि अगर अंडे सुरक्षित नहीं किए गए तो संख्या पर भी असर पड़ेगा। ऐसे में सुरक्षा इंतजाम जरूरी है।
इन जगहों पर मोरों की संख्या ज्यादा जानकारी के मुताबिक मोर वन, मिंडोरा, केकडि़या, स्मुति वन, केरवा, कलियासोत, वन विहार, लहारपुर बाटनिकल गार्डन सहित कई स्थानों पर ज्यादा हैं। जानकारों की मानें तो अक्टूबर से लेकर मार्च तक मोरों का ब्रीडिंंग सीजन होता है। ये अंडे जमीन पर देती है।
इनका कहना
मोर वन के आसपास कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। मोरों के पीछे कुत्ते दौड़ रहे हैं। इससे मोरों और उनके अंडों को खतरा है। सुरक्षा के लिए फेंसिंग मजबूत कराई जाएगी।
आलोक पाठक, जिला वन अधिकारी