scriptBig News : माता-पिता स्लाइड कर रहे थे और डूब गया 9 साल का मासूम, अब पेरेंट्स ने कर दी आंखें दान | Crescent water park incident is an incident or Negligence 9 year old son drowned parents set an example after donate his eyes | Patrika News
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Big News : माता-पिता स्लाइड कर रहे थे और डूब गया 9 साल का मासूम, अब पेरेंट्स ने कर दी आंखें दान

सीहोर के क्रिसेंट वाटर पार्क में रविवार सुबह छुट्टी मनाने गए राजधानी के साकेत नगर में रहने वाले परिवार की खुशियां भले ही उजड़ गईं लेकिन अब पेरेंट्स का ये डिसिजन लोगों के सामने मिसाल बन गया…

भोपालMay 06, 2024 / 11:50 am

Sanjana Kumar

9 years old son drowned dead
सीहोर के क्रिसेंट वाटर पार्क में रविवार सुबह छुट्टी मनाने गए राजधानी के साकेत नगर में रहने वाले परिवार की खुशियां एक पल में उजड़ गईं। उनका नौ साल का बेटा स्वीमिंग पूल में खेलते-खेलते डूब गया। वह कम पानी में था, मां अर्चना और पिता गौरव राजपूत पास ही स्लाइड कर रहे थे। आरुष डूब रहा था, लेकिन मौके पर कोई लाइफगार्ड नहीं था। माता-पिता जब तक पास आए, वह डूब चुका था। हालांकि अब तक ये सामने नहीं आया है कि ये महज एक हादसा था या लापरवाही, मामले की जांच जारी है।

पेरेंट्स का आरोप कोई मदद नहीं मिली

पेरेंट्स मदद के लिए चीखते रहे, लेकिन तेज म्यूजिक में आवाज दबकर रह गई। जैसे तैसे बच्चे को गोद में लेकर मेन गेट तक पहुंचे। परिजन बच्चे को सीहोर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, यहां डॉटरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने सीहोर कोतवाली में केस दर्ज कराया है। पिता गौरव राजपूत का आरोप है कि घटना के बाद क्रिसेंट वाटर पार्क में कोई मदद नहीं मिली। स्वीमिंग पूल के पास कोई तैराक या मददगार मौजूद नहीं था।
उधर पार्क प्रबंधक महिपाल सिंह का कहना है, हादसे में हमारी गलती नहीं है। टीआइ गिरीश दुबे ने बताया, लापरवाही और हादसे के एंगल पर जांच कर रहे हैं।

पिता का आरोप, प्रबंधन ने फर्स्ट एड किट तक नहीं दी

गौरव राजपूत पेपर ट्रेडिंग का काम करते हैं। वे 9 साल के बेटे आरुष, दो साल के आरव और भाभी के साथ पार्क गए। आरुष तीसरी का छात्र था। गौरव ने कहा, पार्क में मदद मांगी लेकिन पार्क प्रबंधन का कोई भी व्यक्ति नहीं आया। फर्स्ट एड किट भी नहीं मिली। गार्ड भी ट्रेंड नहीं पार्क में नियमों को तोड़कर आसपास के गांवों के बेरोजगारों को गार्ड बनाया है। वे ट्रेंड नहीं हैं। गार्ड ऊंची लहर वाले स्वीमिंग पूल के पास रहते हैं। वे स्लाइड वाले प्वॉइंट पर लोगों को ट्यूब देते हैं। बच्चों पर नजर नहीं रखते।

बेटा जिंदा रहे, इसलिए आंखें कीं दान

बेटे को खोने के गम में डूबे पेरेंट्स ने समाज के लिए अपनी बड़ी जिम्मेदारी भी निभाई। उन्होंने आरुष की उपस्थिति महसूस करने के लिए नेत्र दान कर दिए।

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