निशाद को सीबीआई ने सोमवार को विशेष सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। निशाद ने परीक्षा फॉर्म में फर्जी पता भरा था। इस कारण सीबीआई को निशाद को गिरफ्तार करने में खासी मशक्कत करना पडी। अब भी मामले में 9 आरोपी फरार हैं।
सीबीआई के निरीक्षक गुरजिंदर सिंह ने बताया कि निशाद को कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया है। अंबेडकर नगर उत्तरप्रदेश निवासी मनोज कुमार निशाद ने परीक्षा में पीछे बैठे परीक्षार्थी को नकल कराकर इंजन कैंडिडेट की भूमिका निभाई थी।
परीक्षा फॉर्म में निशाद ने पकडे जाने के डर से गलत पता दिया था। सीबीआई करीब पौने 2 साल से निशाद के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रहीं थी। पूछताछ के दौरान पता चला कि निशाद कानपुर में रह रहा है। गिरफतारी की आशंका के चलते निशाद कानपुर से भागने की फिराक में था। जैसे ही निशाद स्टेशन पहुंचा करीब 12 घंटे से स्टेशन पर बैठी सीबीआई की टीम ने निशाद को गिरफतार कर लिया।
इधर, बाइक समेत 25 हजार लेकर भागा नौकर…
वहीं एक अन्य मामले में दूध डेयरी संचालक को उसके नौकर ने चूना लगा दिया। डेयरी संचालक ने नौकर को दूध बांटने के लिए बाइक दी थी। आरोपी बाइक और दूध बेचने के बाद मिले 25 हजार रुपए लेकर फरार हो गया।
पुलिस ने अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। गोविंदपुरा थाना पुलिस के अनुसार पाल मोहल्ला, बरखेड़ा पठानी निवासी महेश पाल (44) दूध डेयरी का संचालन करते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने डेयरी पर काम करने वाले नौकर शोभाराम को अपनी बाइक दूध बांटने के लिए दी थी।
फरियादी ने बताया कि इसके बाद कई दिनों तक शोभाराम डेयरी के काम सुचारू रूप से करता रहा, लेकिन बाद में उसकी नीयत बदल गई। करीब एक माह पूर्व शोभाराम बाइक और दूध वितरित करने से मिले 25 हजार रुपए लेकर फरार हो गया। डेयरी संचालक ने गोविंदपुरा थाने में शिकायती आवेदन दिया था। पुलिस ने आवेदन की जांच के बाद शोभाराम के खिलाफ मामला
दर्ज किया।