दिग्विजय सिंह के वकीलों का दावा है कि व्यापम घोटाले के मामले में शिवराज के खिलाफ यह चार्जशीट है। पूरे घोटाले शिवराज और उमा के खिलाफ सारे सबूतों को जिला अदालत में पेश किया गया है। इसमें मूल एक्सेल शीट सहित 27 हजार दस्तावेज पेश किए गए है।
राजनैतिक मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह अदालत में दिग्विजय के वकील और प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष अजय गुप्ता-सुप्रीम कोर्ट के वकील वैभव श्रीवास्तव ने निजी इस्तगासा पेश किया। दोनों करीब 3 बजे अदालत पहुंचे। सीबीआई की तर्ज पर 27 हजार पन्नों के दस्तावेजों की पेन ड्राईव के साथ 51 पेजों का निजी इस्तगासा पेश किया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद दिग्विजय की गवाही के लिए 22 सितंबर की तारीख तय की है। शनिवार को जिला अदालत में दिग्विजय की गवाही होगी। इस दौरान व्हिसिल ब्लोअर और कंप्यूटर एक्सपर्ट प्रशांत पाण्डे-कांग्रेस नेता केके मिश्रा अदालत में मौजूद थे। दिग्विजय के वकीलों का दावा है कि सबसे पहले इन्दौर पुलिस ने एक्सेल शीट जब्त की थी। एक्सेल शीट खुल नहीं रही थी। पुलिस अफसर एक्सेल शीट को खोलने के लिए कंप्यूटर एक्सपर्ट प्रशांत पाण्डे के पास पहुंचे थे। मूल एक्सेल शीट में व्यापम के सभी परीक्षा घोटाले के मामले में शिवराज सिंह, उमा भारती का उल्लेख है। दोनों ने व्यापम के अधिकारियों से मिली भगत कर बडे पैमाने पर घोटाले को अंजाम दिया है। एक्सल शीट में शिवराज का नाम सामने आने पर मूल एक्सल शीट में पुलिस अधिकारियों ने छेडछाड कर दी। शिवराज-उमा को बचाने के लिए एक्सेल शीट में छेडछाड कर परीक्षा घोटालों के मामले में चालान पेश किए गए हैं। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने 16 नवंबर 2016 को यह हलफनामा दिया कि एक्सेल शीट सीएफएसएल रिर्पोर्ट आ गई है। इसमें एक्सेल शीट मे कोई छेडछाड नहीं पाई गई है। जबकि इसके एक दिन बाद 17 नवंबर 2016 को सीबीआई ने एक्सेल शीट की जांच संबंधी रिपोर्ट के लिए हैदराबाद स्थित सीएफएसएल लैब को पत्र भेजा था।