ठेका कर्मचारियों की नहीं होती सुनवाई
ठेका कर्मचारियों का कहना कोई भी जिम्मेदार हम लोगों की समस्याओं पर ध्सान नहीं देता है। बस काम करते रहो। कई बार प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके है ,लेकिन किसी ने इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।
ठेका कर्मचारियों का कहना कोई भी जिम्मेदार हमारी समस्याओं पर नहीं देगा तो तो इसका निराकरण कैसे होगा। सभी के पास जाकर अपनी समस्याओं को बता चुके है,लेकिन जिम्मेदारों ने कभी भी कर्मचारियों के हित के बारे में नहीं सोचा। समझ में नहीं आता है कि हमारी समस्याओं पर आखिर कौन ध्यान देगा। ठेका कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रंबधन भी साथ नहीं दे रहा है।
पुराना है विवाद
ठेका श्रमिक ट्रेड यूनियन के लोगों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार मनमर्जी चला रहे हैं। नए ठेकेदार ने वर्षों पुराने के नियमों को नजरअंदाज करते हुए। इससे पहले भी 30 कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर दिया गया था। इस संबंध में जब बीएमएचआरसी के डायरेक्टर से मुलाकात की थी, तो उन्होंने भी अपने हाथ खींच लिए थे।
यूनियन ने चेतावनी दी थी कि अगर इन कर्मचारियों को वापस नौकरी पर नहीं रखा गया, तो हड़ताल जारी रहेगी। आपको बता दें कि इस हॉस्पिटल के विभिन्न विभागों में 750 ठेका कर्मचारी हैं, जिन्हें 4 ठेकेदारों के माध्यम से रखा गया है। मैनेजमेंट ने नए ठेकेदारों को टेंडर दिया था। जिसमें राठौर नामक एक ठेकेदार ने टेंडर हासिल करने के बाद 30 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।