चेहरों की कमी दिलाएंगी टिकट
दूसरी तरफ अगर इस बात पर भी गौर गौर करें तो पता चलता है कि, कांग्रेस के पास विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा को लेकर कोई ऐसे और चेहरे भी नहीं हैं, जिनके हाथों में लोकसभा की कमान सौंपी जा सके। यही खास कारण है कि, कांग्रेस उन्हीं हारे हुए नेताओं को एक बार फिर लोकसभा के चुनावी मैदान में उतारने का मन बना रही है। पार्टी सूत्रों से पता चला है कि, आला नेताओं की तरफ से अंदुरूनी तौर पर इन नेताओं को चयनित लोकसभा क्षेत्र में सक्रीय करने पर चर्चा चल रही है। कांग्रेस ने इस बार 24 टिकटों को लेकर टॉरगेट बनाया है। पार्टी का मानना है कि, लोकसभा चुनाव में भी जनता की और से परिवर्तन सामने आया तो कम से कम 15 सीटों पर पार्टी जीत दर्ज कर सकती है।
इन नेताओं पर चर्चा जारी
पार्टी सूत्रों से पता चला है कि, जिन नेताओं को लेकर संगठनात्मक तौर पर मंथन चल रहा है उनमें अजय सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, रामनिवास रावत, मुकेश नायक, सुभाष सोजतिया, नरेंद्र नाहटा और पार्टी में पेराशूट इंट्री लेने वाले दिग्गज नेता सरताज सिंह समेत 116 हारे हुए नामों पर मंथन किया जा रहा है। इन सभी नेताओं को लेकर पीसीसी में गुरुवार को एक बड़ी बैठक भी आयोजित की गई है। जानकारी मिली है कि, बैठक में हारे हुए नेताओं को उनकी हार के कारणों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही, इसपर भी चर्चा संभव है कि, लोकसभा के लिए वो कोनसे स्पेशल 24 नाम होंगे, जिनपर दाव लगाया जाएगा।