जब उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपए तीन किस्तों में देने की बात कही थी। पहली किस्त 80 हजार रुपए और दूसरी 35 हजार रुपए शेष तीसरी किस्त में देना है। मैने सितंबर 2013 में 80 हजार रुपए दे दिए। इसे देखकर मेरे दो दस्तों ने भी यहां 80 हजार रुपए देकर फ्लैट बुक कराया, लेकिन नगर निगम की आवंटन सूची देखने पर पता चला कि उनका नाम तो आया ही नहीं है। – बहू ने दी सास को धमकी लेकव्यु कॉलोनी रातीबढ़ निवासी मनोरमा मिश्रा पत्नी ओमप्रकाश मिश्रा ने कलेक्टर को बताया कि उनकी बहु उन्हें दहेज के झुठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देती है। अपशब्दों का उपयोग करती है। हमारा पुश्तैनी मकान इलाहबाद में है। जिसमें मेरे दो पुत्र व दो बहुए निवास करती हैं। मैं चाहती हूं कि मेरी बहु संध्या भी उसी मकान में रहे या फिर भोपाल में कहीं और मकान लेकर रहे। मैं अपने पुत्र और बहु से किसी भी तरह की मदद भी नहीं चाहती बस मेरे घर में शांति होना चाहिए। उनकी बहू दहेज के केस में फंसाने की धमकी देती है। कलेक्टर ने मामले में हुजूर एसडीएम को तत्काल निकराकरण के निर्देश दिए हैं। – अब तक नहीं मिला चने का भुगतान बैरसिया निवासी आवेदक बलराम पिता गिरधारीलाल और लखनसिंह पुत्र मोहरसिंह ग्राम सेमरा भैरोपुरा ने बताया कि उन्होंने बैरसिया मंडी में चने की फसल बेंची थी जिसका अब तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ है।
बलराम ने बताया की 6 एकड़ कृषि भूमि में 13 क्विंटल चने की फसल जिसकी कीमत लगभग 55 हजार रुपए है। वहीं लखन सिंह की 5 एकड़ भूमि में 8 क्विंटल चने की फसल निकली थी। दोनों किसानों ने चने की फसल बैरसिया सोसायटी में बेची थी। सोसायटी द्वारा कहा गया कि तीन-चार दिन में फसल का पैसा आपके खाते में पहुंच जाएगा, लेकिन आज तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ है। कलेक्टर ने उप पंजीयक सहकारिता को जांच कर राशि का भुगतान करवाने के निर्देश दिए हैं।