एक क्लर्क ऐसा जो पांच लाख में बांट रहा 35 हजार रुपए की नौकरी
गोरखधंधा : बोर्ड ऑफिस के क्लर्क का स्टिंग, अफसरों को बताया दोस्त, पांच
लाख में कम्प्यूटर ऑपरेटर, चार लाख में लिपिक और तीन लाख में चतुर्थ श्रेणी
की नौकरी
विवेक राजपूत. भोपाल. माध्यमिक शिक्षा मंडल (बोर्ड ऑफिस) का लिपिक तीन से पांच लाख रुपए में 35 हजार रुपए वेतन की नौकरियां बांट रहा है। गारंटी के साथ क्लर्क का दावा है कि उसने अफसरों के जरिए कई लोगों की नौकरियां लगवाई हैं। वसूली की रकम में क्लर्क से लेकर आला अफसरों तक का हिस्सा रहता है। फिलहाल यह क्लर्क कम्प्यूटर ऑपरेट, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नौकरी के लिए ‘दुकानÓ सजाकर बैठा है। इस क्लर्क का नाम सुरेश रावत है, जो बोर्ड आफिस के रिकॉर्ड सेक्शन में पदस्थ है।
पत्रिका स्टिंग में फंसा क्लर्क
पैसे लेकर नौकरी लगवाने वाले क्लर्क के जानकारी पत्रिका संवाददाता को लगी तो आवेदक बनकर क्लर्क से संपर्क किया। इस दौरान क्लर्क ने खुलकर सौदा किया। क्लर्क ने पांच लाख रुपए में कम्प्यूटर ऑपरेटर, चार लाख रुपए में क्लर्क और तीन लाख रुपए में चतुर्थ श्रेणी के पद पर नौकरी लगवाने की गारंटी देते हुए दावा किया कि उक्त पदों के लिए बोर्ड ऑफिस ने करीब पांच साल पहले विज्ञापन जारी किया था। उस वक्त ऑफ लाइन फॉर्म भरे गए थे। लेकिन, सरकारी प्रक्रिया के चलते भर्ती नहीं हो पाई। अब यह प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई है, जल्द ही भर्ती होनी है। जो लोग पैसा देंगे उनके फॉर्म बैक डेट में जमा करने के बाद नौकरी पर रखा दिया जाएगा।
एक नजर बातचीत पर
रिपोर्टर : सर, बड़े भैय्या की नौकरी के लिए बात करनी थी।
क्लर्क : क्या योग्यता है आपके भाई की?
रिपोर्ट : बीएससी और पीजीडीसीए किया है।
क्लर्क : कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती करा देते हैं।
रिपोर्ट : कितना पैसा लगेगा?
क्लर्क : कम्प्यूटर ऑपरेटर का पांच लाख, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी का चार और तीन लाख।
रिपोर्ट : कब तक आवेदन कर सकते हैं?
क्लर्क : दो-चार दिन में ही करना होंगे, सूची शासन को जल्दी ही भेजी जानी है।
रिपोर्ट : काम कब तक हो जाएगा?
क्लर्क : डेढ़-दो महीने के भीतर ही ज्वाइन करा देंगे।
रिपोर्ट : कोई गड़बड़ तो नहीं होगी?
क्लर्क : पहली बार थोड़े ही है, इससे पहले भी कई लोगों की नौकरी लगवाई हैं।
रिपोर्ट : अभी किसी और ने भी पैसे दिए हैं?
क्लर्क : मैंने अपने ही पांच-छह रिश्तेदारों के पैसे दिलवाए हैं।
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कई लोगों की नौकरी लगवाने का दावा
मूलत: पन्ना निवासी क्लर्क सुरेश रावत दावा है कि उसने इससे पहले भी दर्जनों लोगों की नौकरियां लगवाई हैं। यहीं नहीं उसकी खुद की नौकरी उसके सुसर ने करीब 25 साल पहले बोर्ड ऑफिस के तत्कालीन सदस्य मंत्री एनपी प्रजापति से सिफारिश करवाकर लगवाई थी। पत्रिका से बातचीत के दौरान क्लर्क ने स्वीकारा कि कुछ महीनों में उसने आधा दर्जन से अधिक लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए लेकर बोर्ड के अधिकारियों को दिए हैं।
दो किस्तों में पैसा लेने पर रजामंदी
क्लर्क ने कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी लगवाने की हामी भरी और पांच लाख रुपए दो किस्तों में देने को कहा। ढाई लाख की पहली किस्त फॉर्म के साथ और दूसरी किस्त ज्वाइनिंग लेटर मिलने पर। इस संबंध में बोर्ड के सचिव धीरेन्द्र प्रताप सिंह से बात करने के लिए कई बार फोन लगाया गया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। उन्हें एसएमएस और वाटसप पर मैसेज भी भेजा गया। वाटसप पर मैसेज रिसीव हुआ लेकिन कोई जवाब नहींआया।
क्लाइंट लाइए, पैसा कमाइए
क्लर्क ने बातचीत के दौरान साफ कहाकि यहां सभी लोग कमाने के लिए बैठे हैं। हिस्सेदारी में ईमानदारी रहती है। क्लर्क ने ऑफर दिया कि आप किसी को लेकर आइए, उसकी नौकरी लगवाई जाएगी। कमाई में अफसरों, कर्मचारियों के साथ-साथ क्लाइंट को लाने वाले का भी हिस्सा तय होगा। क्लर्क ने अलबत्ता यह शर्त रखी कि आवेदन जल्दी कराने होंगे, क्योंकि आवेदनकर्ताओं की सूची आगामी प्रक्रिया के लिए दो-चार दिन में ही शासन को भेजी जानी है।
फोन पर पैसों की बात मंजूर नहीं
क्लर्क ने बातचीत के दौरान बार-बार यह हिदायत दी कि नौकरी लगवाने और पैसों के लेन-देन संबंधी बात फोन पर मत करना। जो भी बात करनी होगी फोन पर समय तय करके मिलेंगे और मिलकर ही बात करेंगे। फोन पर बात करने में हम लोगों का नुकसान होने की आशंका बनी रहती है। इस कारण मैं फोन पर इस संबंध में बात ही नहीं करता हूं।