scriptनशे की गिरफ्त में बचपन, खुले आम बिक रहे नशीले पदार्थ | Childhood entangled in the web of drugs | Patrika News

नशे की गिरफ्त में बचपन, खुले आम बिक रहे नशीले पदार्थ

locationभोपालPublished: Oct 24, 2018 08:15:35 am

Submitted by:

jitendra yadav

खुले आम बिक रहे नशीले पदार्थ, शिकायत के बाद भी पुलिस मौन

child labour

नशे की गिरफ्त में बचपन, खुले आम बिक रहे नशीले पदार्थ, शिकायत के बाद भी पुलिस मौन

मंडीदीप. युवा पीढी़ में बढ़ती नशे की लत को लेकर बनी फिल्म उड़ता पंजाब की कुछ झलकिया नगर में भी दिखाई दे रही है। नशीले पदार्थों के आसानी से उपलब्ध होने से बच्चों के साथ ही युवा पीढ़ी में नशे की लत बढ़ रही है। शहर में अवैध शराब व नशीले पदार्थो की बिक्री पर रोक लगाने की मांग के बावजूद भी पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

जिसके चलते शहर में 10 से 13 साल की उम्र तक के बच्चे फ्ल्यूड सहित अन्य मादक पदार्थों का सेवन करते देखे जा सकते हंै। कम उम्र के बच्चों के इस तरह के पदार्थो के सेवन की जानकारी प्रशासन को भी है। प्रशासन बच्चों को जरूरत और गरीबी के चलते भीख मांगना मान कर इसकी अनदेखी कर रहा है।

पैसे की करते हैं मांग
औद्योगिक शहर में बच्चे नशे के लिए भीख मांग रहे है। जब कोई व्यक्ति उन्हें पैसों की जगह खाने और जरूरत की चीजें देतें हंै तो ये पैसे की ही मांग करते है। शहर के मंगल बाजार, इंदिरा नगर, बस स्टेंड, एचईजी झुग्गी झोपड़ी सहित शहर के अन्य हिस्सों में छोटी उम्र के बच्चे भीख मांगते हुए आसानी से देखे जा सकते है।
नशे के लिए कर रहे फ्ल्यूड और बाम का उपयोग
नशे में चूर रहने वाले ये मासूम नशे के लिए फ्ल्यूड और बाम का भी उपयोग करते हैं। जिस बाम को लोग दर्द निवारक के रूप में उपयोग करने हैं वह नशा करने वालों के लिए नशे की चीज है। सिलोचन सूंघने वाले एक किशोर ने बताया कि ये आसानी से बाजार में मिल जाती है और इससे लोगों को ज्यादा शक भी नहीं होता है। इसके अलावा आयोडेक्स, पेट्रोल व कफ सिरप आदी दवाईयों से नशा कर रहे हैं।
सामाजिक संगठन कर चुके हैं शिकायत
शहर में बच्चों में बढ़ रही नशाखोरी रोकने के लिए सामाजिक संगठनों द्वारा नशे के तौर पर भी उपयोग किए जाने वाले पदार्थों की बिक्री पर सख्ती करने व अवैध कारोबारों की शिकायत पुलिस से कर चुके हैं। इसके बावजूद शहर में किनारा दुकानों, स्टेशनरी, पान की दुकानों सहित अन्य प्रकार से नशाखोरी के कारोबार में जुड़े लोग बच्चों को मंहगे दामों पर बिना पूछताछ के फ्ल्यूड, सिलोचन बैच रहे है।
उठाने होंगे कड़े कदम
– शहर में 7 से 15 साल के बच्चें इन दिनों नशीली चीजों को कहीं भी कपड़े में छुपाकर सूंघते हुए नजर आ जाते हैं, प्रशासन को इनका बचपन बचाने के लिए कुछ कड़े कदम उठाना चाहिए।
प्रदीप नायर,
सदस्य अभय ज्ञान जन समिति
सदस्य अभय ज्ञान जन समिति
– बच्चों को नशीला पदार्थ बेचना जुर्म है। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जगत सिंंह राजपूत, पुलिस अधीक्षक रायसेन

ट्रेंडिंग वीडियो