पत्रिका टीम जब पुराने भोपाल स्थित ऐशबाग स्टेडियम पहुंची तो यहां दर्जनो बच्चे हॉकी का क, ख, ग सीखते नजर आए। हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे और ओलंपियन समीर दाद इन खिलाडिय़ों को मैदान मारने के गुण सिखाते दिखे। दाद इन खिलाडिय़ों को ग्वालियर में चल रही नेशनल हॉकी के लिए तैयार कर रहे थे। दूसरी ओर स्टेडियम की हालत खस्ता थी, लेकिन खिलाडिय़ों को इससे फर्क नहीं पड़ रहा था। उनका लक्ष्य आगामी प्रतियोगिताओं में मेडल पर ही था। खिलाड़ी इतना जरूर बोले व्यवस्थाएं सुधर जाएं तो खेलना ज्यादा असान हो जाएगा।
पसीने से आती है देशभक्ति की ‘खुशबू’
बेल्जियम 6-नेशन जूनियर आमंत्रण और ब्यूनस आयर्स में आयोजित यूथ ओलंपिक-18 टूर्नामेंट में भारतीय अंडर-18 महिला हॉकी टीम की हिस्सा रहीं गोलकीपर खुशबू खान के एटिट्यूड से देशभक्ति झलकती है। गरीब परिवार से खेल के दम पर अपना नाम बनाने वाली खुशबू खान अब भी झोपड़ीनुमा घर में रहती हैं, लेकिन अपने पसीने की हर बूंद देश के खातिर बहाना चाहती हैं। खुशबू कहती हैं हॉकी में बहाए गए पसीने में देशभक्ति की महक आती है। वे भोपाल हॉकी को नए मुकाम पर पहुंचाना चाहती हैं।
भारतीय हॉकी में बोलेगी भोपाल की तूती : 9वीं हॉकी इंडिया जूनियर बालक नेशनल चैम्पियनशिप जबलपुर के अपने अनुभव को साझा करते हुए स्वप्निल कवडकऱ बताते हैं कि मप्र और देश के लिए खेलना गौरव की बात है। भोपाल में हॉकी जुनून है, यही हमें सबसे अलग करता है। भोपाल में हॉकी का गौरव लौटाना हमारी जिम्मेदारी है। हम इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। हमारे सीनियर खिलाड़ी और समीर सर लगातार हमारे खेल में निखार ला रहे हैं।
भोपाल के सीने पर फिर जड़ेंगे तमगे
9वीं हॉकी इंडिया जूनियर बालक नेशनल चैम्पियनशिप खेलकर लौटे अब्दुल रहमान भी पसीना बहाते नजर आए। उन्होंने बताया उनका सपना देश के लिए मेडल लाना है। मैं हॉकी में ही कॅरियर बनाना चाहता हूं। जिस तरह भोपाल का नाम दुनिया में हॉकी के लिए जाना जाता है, उसे मैं व मेरे साथी आगे बढ़ाना चाहते हैं।
&नए खिलाडिय़ों में हॉकी के प्रति जोश देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। इन लडक़ों को सिखाने में मजा आता है। भविष्य में यही मुख्य टीम की कमान संभालेंगे। भोपाल में हॉकी का चार्म कभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन ये लडक़े नया दौर लाएंगे।
– समीर दाद, ओलंपियन