शहर में आवारा कुत्तों की समस्या के निराकरण के लिए मौजूदा एक नसबंदी केंद्र को बढ़ाकर 4 तक किया जा सकता है। साथ ही कुत्तों की धरपकड़ के लिए मैदानी अमले में भी इजाफा हो सकता है। इसके लिए बजट में विशेष प्रावधान करने की संभावना है। हमलावर कुत्तों के लिए आश्रय स्थल का भी प्रावधान हो सकता है। निगम की वित्तीय हालत ठीक नहीं होने के कारण इस बार स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से नए प्रोजेक्ट की घोषणा हो सकती है। वहीं, हाउसिंग फॉर ऑल के तहत शहर में हाईराइज बिल्डिंग बनाने की घोषणा हो सकती है।
इसके अलावा महापौर स्मार्ट कार्ड के भुगतान के लिए बजट में प्रावधान होने की संभावना है। ताकि बस संचालन में समस्या न हो। बता दें कि लो फ्लोर बसों में विद्यार्थियों, महिलाओं, व सरकारी कर्मचारियों, बुजुर्गों को रियायती दरों पर यात्रा के लिए निगम ने महापौर स्मार्ट कार्ड में सबसिडी की राशि खुद वहन कर रहा है। कार्ड के उपयोग के आधार पर निगम सबसिडी की राशि खुद ऑपरेटरों का भुगतान करता है। लेकिन पिछले सात महीनों से सबसिडी की राशि 9 करोड़ रुपए तक पहुंच गई, जिसे निगम ऑपरेटरों का भुगतान नहीं कर पाया। जिससे बसें बंद होने के कगार पर पहुंच गईं।
विधायक की अनुशंसा से जारी स्वीकृति होगी राशि बजट में चुनावी बजट होगा। इसमें संभावना है कि विधायकों को साधने का भी प्रयास होगा। इसके लिए विधायक मद से पार्षद को राशि तभी जारी होगी जब संबंधित विधायक अनुशंसा करेंगे। महापौर के पहली बजट में भी इस तरह की शर्त थी। इसके बाद दो बार यह शर्त समाप्त की गई थी।
लायबिलिटी बनी समस्या वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में प्रस्तावित कामों की लायबिलिटी 200 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इन कामों को फिर से अगले बजट में प्रावधान हो सकता है।