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भाजपा विधायक का बेटा गिरफ्तार नहीं हुआ तो 5 विधायक छोडेंग़े कांग्रेस

locationभोपालPublished: Jun 04, 2019 08:37:18 am

Submitted by:

Amit Mishra

अजा-जजा युवा संघ अध्यक्ष का दावा

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भाजपा विधायक का बेटा गिरफ्तार नहीं हुआ तो 5 विधायक छोडेंग़े कांग्रेस

भोपाल/हरदा. दलित नेता सुखराम बामने को धमकाने और उनकी पत्नी को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में फरार भाजपा विधायक कमल पटेल के पुत्र सुदीप के खिलाफ अजा-जजा युवा संघ ने सोमवार को हल्ला बोल रैली निकाली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति युवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष आरएस रसोनिया ने दावा किया कि समाज के पांच कांग्रेस विधायकों ने सुदीप की गिरफ्तारी न होने पर पार्टी छोड़ देंगे। इसके लिए 26 जून तक का समय दिया है।


आमरण अनशन करेंगे
राष्ट्रीय अजा-जजा विकास परिषद के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण मांगरिया ने चेतावनी दी कि पुलिस ने सुदीप को 48 घंटे में गिरफ्तार नहीं किया तो आमरण अनशन करेंगे। हरदा में एक आमसभा में रसोनिया ने कहा कि सुदीप ने सीएम कमलनाथ और सीबीआइ को लेकर भी अपशब्द कहे, फिर भी उसे पकड़ा नहीं जा सका। यही स्थिति रही तो अजा-अजजा वर्ग के विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ देंगे।

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पीडि़त पक्ष को न्याय नहीं मिल पा रहा
कांग्रेस में अजा के 17 और अजजा के 31 विधायक हैं। हमारी उनसे चर्चा चल रही है।दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे एवं पूर्व सांसद संदीप दीक्षित भी हल्ला बोल रैली में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि राज्य में कांग्रेस का शासन होने के बावजूद पीडि़त पक्ष को न्याय नहीं मिल पा रहा। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं।


तन्खा और सिब्बल करेंगे चुनाव परिणाम पर रिसर्च
इधर लोकसभा चुनाव में मिली हार को कांग्रेस सामान्य घटना मानने को तैयार नहीं है। कांग्रेस का संदेह ईवीएम की गड़बड़ी पर है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल को कांग्रेस की हार पर रिसर्च करने का जिम्मा सौंपा है। तन्खा और सिब्बल तकनीकी कारणों की पड़ताल करेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस कानूनी एक्शन लेने पर भी विचार कर रही है।

 

मोदी लहर जैसा कोई फैक्टर नहीं
कांग्रेस को लगता है कि देश में ऐसा माहौल नहीं था कि हार का अंतर लाखों में आए। तन्खा कहते हैं कि लाखों का अंतर असामान्य लग रहा है। तन्खा ने जबलपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि जबलपुर में जनाधार बढ़ाया, कैबिनेट करवाकर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की मंजूरी दिलवाई। उसके बाद भी पिछली बार से ज्यादा मतों से उनकी हार हुई। तन्खा ने कहा कि मोदी लहर जैसा कोई बड़ा फैक्टर भी नजर नहीं आया।

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