सोमवार को छिंदवाड़ा में कमलनाथ से मिलकर पदमा कांग्रेस की सदस्यता ली। पदमा शुक्ला राज्यमंत्री संजय पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती हैं। मजेदार बात यह है कि कटनी कांग्रेस में पदमा शुक्ला की सदस्यता का तीखा विरोध शुरू हो गया है। पदमा शुक्ला के आने पर कांग्रेस में सामूहिक इस्तीफों की भी चर्चा हैं।
ये भी दे चुके इस्तीफा
– वहीं इससे पहले एसटी एससी एक्ट के विरोध में भाजपा से कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा ने भाजपा से इस्तीफा BJP leader resigned दिया था जिसके बाद से एससी एसटी के विरोध में प्रदेश के कई नेताओं में निराशा देखी गयी है। रघुनन्दन शर्मा की प्रदेश के कद्दवर नेताओं में गिनती होती है, वे भाजपा होशंगाबाद जिले से 2 बार अध्यक्ष रह चुके हैं यानि भाजयुमो अध्यक्ष, इसके अलवा ये सीएम शिवराज सिंह के काफी नजदीकी माने जाते हैं। और तो और ये केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के चुनाव में प्रभारी भी रह चुके हैं।
– मध्यप्रदेश में ही विस चुनाव में टिकट की दावदारी कर रहे श्योपुर के भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष नरेश जिंदल सहित तीन अन्य ने पार्टी और पद दोनों से इस्तीफा दे चुके हैं। केंद्र सरकार के लाए गए एससी-एसटी एक्ट के अध्यादेश के विरोध में उन्होंने यह इस्तीफा दिया। बतादें कि विधानसभा चुनाव 2018 नजदीक है ऐसे में भाजपा से सदस्यों का इस्तीफा लेना भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जानकारों का यह भी मानना है कि चुनाव से पहले जोरों पर जोड़ तोड़ की राजनीति चल रही है। भाजपा को एससीएसटी के विरोध का सामना महंगा पड़ेगा।
– कटनी के पूर्व विधायक सुनील मिश्रा ने भी एससीएसटी एक्ट के विरोध में भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के विरोध और कटनी के विकास पर ध्यान नहीं देने की वजह से मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
भाजपा में मचा हडक़ंप
हाल ही में एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भाजपा के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष नरेश जिंदल के नेतृत्व में सवर्ण समाज के लोगों ने दो दिवसीय धरना शुरू किया। गुलंबर चौक पर आयोजित इस धरने में भाजपा के इन चारों दिग्गज सवर्ण नेताओं ने अपना इस्तीफा देकर धरने को समर्थन दिया।
वहीं जानकारों का मानना है कि एसटीएससी एक्ट अब भाजपा के गले की फांस बन गया है। जिसके चलते वर्तमान परिस्थितियों में MP भाजपा टूट की ओर बढ़ती दिख रही है। पिछले दिनों भी ग्वालियर में कुछ नेताओं ने भाजपा छोड़ दी वहीं अब रघुनंदन शर्मा जैसे कद्दावर नेता का पार्टी को छोड़ना पार्टी के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। वहीं जानकार ये भी मानते हैं कि अब तक जो लोग पार्टी के अंदर चाहकर भी विरोध नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में अब वे सब भी सामने आ सकते हैं।