24 अन्य लोगों ने दिया इस्तीफा
पदमा शुक्ला के इस्तीफा के बाद विजयराघवगढ़ के 24 अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने लेटर लिखकर कहा है कि विजय राघवगढ़ विधानसभा में भाजपा कार्यकर्ताओं के उपर हो रहे अत्याचार और प्रताडना से परेशान हो कर पदमा शुक्ला के अपना इस्तीफा दिया है। इसके बाद कटनी में संजय पाठक के खिलाफ इस्तीफों की झड़ी लग गयी। इतनी बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकताओं के इस्तीफें के बाद राजनीतिक गलियारे में हडकंप मच हुआ है।
ये भी दे चुके इस्तीफा
वहीं इससे पहले एसटी एससी एक्ट के विरोध में भाजपा से कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा ने भाजपा से इस्तीफा दिया था जिसके बाद से एससी एसटी के विरोध में प्रदेश के कई नेताओं में निराशा देखी गयी है। रघुनन्दन शर्मा की प्रदेश के कद्दवर नेताओं में गिनती होती है, वे भाजपा होशंगाबाद जिले से 2 बार अध्यक्ष रह चुके हैं यानि भाजयुमो अध्यक्ष, इसके अलवा ये सीएम शिवराज सिंह के काफी नजदीकी माने जाते हैं। और तो और ये केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के चुनाव में प्रभारी भी रह चुके हैं।
मध्यप्रदेश में ही विस चुनाव में टिकट की दावदारी कर रहे श्योपुर के भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष नरेश जिंदल सहित तीन अन्य ने पार्टी और पद दोनों से इस्तीफा दे चुके हैं। केंद्र सरकार के लाए गए एससी-एसटी एक्ट के अध्यादेश के विरोध में उन्होंने यह इस्तीफा दिया। बतादें कि विधानसभा चुनाव 2018 नजदीक है ऐसे में भाजपा से सदस्यों का इस्तीफा लेना भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जानकारों का यह भी मानना है कि चुनाव से पहले जोरों पर जोड़ तोड़ की राजनीति चल रही है। भाजपा को एससीएसटी के विरोध का सामना महंगा पड़ेगा।
कटनी के पूर्व विधायक सुनील मिश्रा ने भी एससीएसटी एक्ट के विरोध में भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के विरोध और कटनी के विकास पर ध्यान नहीं देने की वजह से मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।