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बार बार उल्टी से पेट और आंते खींचकर बाहर आने जैसा महसूस होने लगे तो अपनाएं ये रामबाण घरेलु उपाय अपनाएं और शेयर करें

locationभोपालPublished: Sep 29, 2018 02:05:03 pm

दर्द से बचाव ही नहीं जानिये कुछ आयुर्वेद की कहावतें भी…

pet dard

बार बार उल्टी से पेट और आंते खींचकर बाहर आने जैसा महसूस होने लगे तो अपनाएं ये रामबाण घरेलु उपाय अपनाएं और शेयर करें

भोपाल। इन दिनों अचानक मौसम में गर्मी का अहसास होने लगा है। मौसम में अचानक आए ऐसे बदलाव से पेट से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। वहीं कई बार लगातार होने वाली उल्टी से पेट और आंते खींचकर बाहर आने जैसा महसूस होने लगता है।
तो इस संबंध में डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि कुछ ऐसे घरेलु उपाय है जिन्हें अपना कर आप इस तरह की परेशानियों से बच सकते है। इतना ही नहीं ये उपाय ऐसे परेशानियों में रामबाण का काम करते हैं।
इसके अलावा केवल मौसमी ही नहीं किसी भी समय होने वाली बार-बार उल्टी से पेट और आंते बाहर खींचकर आने जैसे दर्द से आप इन उपायों से घर बैठे आराम पा सकते हैं।
जानकारों के अनुसार अधिकतर समय उल्टी का रोग कोई स्वतंत्र रोग ना होकर किसी अन्य रोग का लक्षण होता है। पेट के अधिकतर रोग जैसे कि अम्लपित्त, भोजन की विषाक्तता, अजीर्ण में, इनके अलावा पेट में कैंसर या टीबी का रोग होने पर, पित्त की पथरी के रोग में शरीर में पानी की कमी होने पर, तेज बुखार, चक्कर, दिमाग में चोट लगने आदि रोगों में उल्टी की समस्या हो ही जाती है।
कुछ लोगों को सफर के दौरान और कुछ घृणित बात या वस्तु दिखाई देने अथवा याद आने मात्र से भी उल्टी की समस्या हो जाती है हालाँकि यह ऐसी अवस्था में यह उल्टी कोई विशेष समस्या नही पैदा करती है।
उल्टी का सिर्फ एक ही लक्षण हो सकता है कि मुंह के रास्ते, खाया हुया समस्त खाद्य पदार्थ अधपची अवस्था में पेट से बाहर निकल जाता है।

ये हैं रामबाण घरेलु उपाय :
आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार के मुताबिक उल्टी का होना बहुत से अन्य रोगों का लक्षण होता है। ऐसे में सही मायने में उस मुख्य रोग का पता लगाकर उसकी ही चिकित्सा करनी चाहिए जिस कारण से उल्टी हो रही है । स्थिति गम्भीर होने पर चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए और यदि स्थिति ज्यादा गम्भीर नहीं है तो ऐसे किया जा सकता हे घरेलु उपाय…
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– दो लौंग पानी में उबालकर ठण्डा करके पीने से उल्टी की समस्या में बहुत अच्छा लाभ होता है।
– उल्टियां ज्यादा हो रही हैं तो तुलसी के बीजों को शहद में मिलाकर खूब चबा चबा कर खाने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है । यह प्रयोग बच्चों के लिये भी एक दम सुरक्षित है।
– पुदीने के पत्तों को नीम्बू के रस में भिगोकर खाने से उल्टी का वेग रुक जाता है । यह घर घर में सदियों से प्रयोग किया जाने वाला बहुपरीक्षित सफल प्रयोग है।

– उल्टी के पुराने रोगी को रोज सुबह शाम अनार का रस पिलाना चाहिए।
– करीपत्ते को खूब चबा चबा कर खाने से भी जी साफ होता है और उल्टी से आराम मिलता है ।
– बस में सफर के दौरान जिन लोगों को उल्टी की समस्या होती है उन लोगों को सफर से एक घण्टा पहले 2-3 लौंग चूस लेनी चाहिये। सफर के दौरान भी हर 2-2 घण्टे के अंतर पर एक दो लौंग चूस लेनी चाहिये।

हो सकते हैं कई कारण…
दरअसल जानकारों के अनुसार उल्टी आने के कई कारण हो सकते हैं। जब कभी हमारा शरीर किसी ऐसी चीज को ग्रहण कर लेता है जो संक्रमित हो, तो ऐसे में शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र उसे उल्टी के माध्यम से शरीर के बाहर भेज देता है।
इसके अलावा भी ज्यादा खा लेने की वजह से, ज्यादा शरीब पी लेने की वजह से, एसीडिटी या फिर माइग्रेन की वजह से उल्टी की समस्या होती है।
वहीं गर्भवती महिलाओं को भी उल्टी की समस्या से काफी परेशान होना पड़ता है।
ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए आपको कुछ घरेलू उपाय जरूर आजमाने चाहिए। इनसे आपको उल्टी की समस्या से तुरंत आराम मिलता है।

1. अदरक – अदरक में पेट की हर समस्या से निपटने का इलाज होता है। इसके एक टुकड़े को कूचकर पानी में मिला लीजिए। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन कीजिए। उल्टी से तुरंत लाभ मिलेगा।
2. लौंग – उल्टी आने की स्थिति में दो चार लौंग लेकर दांतो के नीचे दबा लें और इसका रस चूसते रहें। इसका स्वाद उल्टी को तुरंत रोकने में कारगर होता है। यह मुंह की तमाम समस्याओं का भी बेहतरीन निदान है। दांतों की सेंसिटिविटी के लिए लौंग अचूक औषधि है।
3. सौंफ – दिन में कई बार सैंफ चबाना उल्टी में बेहद फायदेमंद है। यह मुंह के स्वाद को बदलने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसे खाने के बाद उल्टी से काफी राहत मिलती है।
4. संतरे का जूस – ताजा संतरे का जूस उल्टी में काफी लाभदायक ट्रीटमेंट है। इसके कई अन्य फायदे भी हैं। जैसे, यह शरीर में ब्लड प्रेशर के नियंत्रण के लिए भी बेहद लाभदायक है।
5. पुदीना – कभी भी उल्टी आने पर पुदीने की चाय बनाकर पी लीजिए या फिर केवल उसकी पत्ती को चबाइए। उल्टी से तुरंत राहत मिल जाएगी।

6. नींबू – उल्टी जैसा जी होने पर नींबू का एक टुकड़ा मुंह में रख लें। इससे उल्टी में काफी राहत मिलती है।
7. इलायची – पेट की एसिडिटी शांत रखने के लिए तथा खाना हजम करने के लिए इलायची भी काफी कारगर उपाय है।


इलाज को लेकर आयुर्वेद की कहावतें…
1. पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात, सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात !
2. धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार, दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार !
3. ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर, कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर !
4. प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप, बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप !
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5. ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार, करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार !
6. भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार, चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार !
7. प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस, सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश !
8. दही उडद की दाल सँग, पपीता दूध के संग, जो खाएं इक साथ में, जीवन हो बदरंग !
9. प्रातः दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार, तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार !
10. भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार, डाक्टर, ओझा, वैद्य का, लुट जाए व्यापार !
11. देश,भेष,मौसम यथा, हो जैसा परिवेश, वैसा भोजन कीजिये, कहते सखा सुरेश !
12. इन बातों को मान कर, जो करता उत्कर्ष, जीवन में पग-पग मिले, उस प्राणी को हर्ष !
13. घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर, एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर !
14. अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास, पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास !
15. रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय, सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय !
16. सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश, भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश !
17. देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल, अपच,आंख के रोग संग, तन भी रहे निढाल !
18. टूथपेस्ट-ब्रश छोडकर, हर दिन दोनो जून, दांत करें मजबूत यदि, करिएगा दातून !
19. हल्दी तुरत लगाइए, अगर काट ले श्वान, खतम करे ये जहर को, कह गए कवि सुजान !
20. मिश्री, गुड, खांड, ये हैं गुण की खान, पर सफेद शक्कर सखा, समझो जहर समान !
21. चुंबक का उपयोग कर, ये है दवा सटीक, हड्डी टूटी हो अगर, अल्प समय में ठीक !
22. दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ, बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ !
23. हंसना, रोना, छींकना, भूख, प्यास या प्यार, क्रोध, जम्हाई रोकना, समझो बंटाढार !
24. सत्तर रोगों को करे, चूना हमसे दूर, दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर !
25. यदि सरसों के तेल में, पग नाखून डुबाय, खुजली, लाली, जलन सब, नैनों से गुमि जाय !
26. भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ, पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड !
27. जो भोजन के साथ ही, पीता रहता नीर, रोग एक सौ तीन हों, फुट जाए तकदीर !
28. पानी करके गुनगुना, मेथी देव भिगाय, सुबह चबाकर नीर पी, रक्तचाप सुधराय !
29. अलसी, तिल, नारियल, घी, सरसों का तेल, यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल !
30. पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान, श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान !
31. तेल वनस्पति खाइके, चर्बी लियो बढाइ, घेरा कोलेस्टरॉल तो, आज रहे चिल्लाय !
32. अल्यूमिन के पात्र का, करता जो उपयोग, आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग !
33. फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर, ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर !
34. चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति, गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति !

35. नींबू पानी का सदा, करता जो उपयोग, पास नहीं आते कभी, यकृति-आंत के रोग !
36. दूषित पानी जो पिए, बिगडे उसका पेट, ऐसे जल को समझिए, सौ रोगों का गेट !
37. रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय, बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय !
38. भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान, पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान !
39. लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान, तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान !
40. हृदय रोग, खांसी और आंव करें बदनाम, दो अनार खाएं सदा, बनते बिगडे काम !
41. चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे, ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !
42. सौ वर्षों तक वह जिए, लेत नाक से सांस, अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास !
43. सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान, घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान !
44. हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान, सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान !
45. अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर, नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर !
46. तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग, मिट जाते हर उम्र में, तन के सारे रोग !
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