प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा नीरज मण्डलोई ने सभी महाविद्यालयों और विवि को निर्देश जारी करते हुए बताया कि संस्थानों में शैक्षणिक वर्ग की उपलब्धता बनाए रखने के लिए किसी भी शिक्षक का कार्यकाल एक सप्ताह में 40 घंटे से कम नहीं होना चाहिए। पूर्णकालिक रोजगार के मामले में एक शिक्षा वर्ष में शिक्षकों का कार्यकाल 30 कार्य सप्ताह (180 शिक्षण दिवस) के लिए एक सप्ताह में 40 घंटे से कम का नहीं होना चाहिए।
इसके तहत शिक्षकों को संस्था के हित में शिक्षण कार्यों के साथ शैक्षणेत्तर कार्य एवं सभी आवश्यक कार्य भी करने होंगे। इसमें मूल्यांकन और विवि परीक्षा कार्य में आवश्यक सहयोग, संस्थान की शैक्षणेत्तर गतिविधियों में पूर्ण सहयोगए, हितग्राहियों को नियमानुसार लाभ सुनिश्चित करना और विद्यार्थियों की समस्याओं जैसे अंक-सूची, परीक्षा परिणाम प्राप्त न होना आदि भी शमिल है।