इसपर चल रहा है विचार
बता दें कि, मिली जानकारी के अनुसार अटल पेंशन योजना के तहत अब तक 5,000 रुपए तक की पेंशन राशि दी जा रही है, जिसे दोगुना करने के लिए कुछ दिनो पहले भी प्रस्ताव रखा गया था। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेंमत जी कॉन्ट्रेक्टर ने एक हिन्दी वेबसाइट को जानकारी देते हुए बताया कि, “अटल पेंशन योजना एक गारंटीशुदा पेंशन योजना है, सरकार पर इसकी प्रतिबद्धता को पूरा करने का दायित्व है। उन्होंने कहा कि, फिलहाल इस मूल्यांकन में पीएफआरडीए द्वारा इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि, पेंशन राशि दोगुनी होने पर सरकार के खज़ाने पर कितना भार बढ़ेगा। वह इस बात पर भी गौर किया जा रहा है कि, क्या सरकार को पेंशन राशि बढ़ाने पर अलग से खर्च करने की जरूरत पड़ेगी या वर्तमान बजट से ही यह खर्च होना संभव हो सकेगा।
दिसंबर तक मूल्यांकन करने के निर्देश
कॉन्ट्रेक्टर ने बताया कि, इसपर स्थितियां स्पष्ट होने के बाद सरकार अटल पेंशन योजना के दायरे को बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। पेंशन राशि दोगुनी होने की योजना को सफलतापूर्वक लोगों तक पहुंचाने में लगने वाले समय की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि, इस योजना में बदलाव को लेकर कोई ठोस कदम अगले साल फरवरी-मार्च के बीच लिया जा सकता है।
योजना पर वित्त मंत्रालय का नज़रिया
इधर वित्त मंत्रालय द्वारा जून में कहा गया था कि, केन्द्र सरकार द्वारा लोगों को लाभ पहुंचाने वाली इस योजना की राशि को बढ़ाए जाने की जरूरत है, जिसपर विचार किया जाना है। इसके लिये पीएफआरडीए द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर सरकार गौर कर रही है। बता दें कि, इस समय अटल पेंशन योजना के तहत हमारे पांच पेंशन स्लैब है। ये स्लैब एक हजार से लेकर पांच हजार रुपए मासिक तक है। सरकार द्वारा योजना को लेकर कराई गई जांच में लोगों का यह मानना है कि, पेंशन राशि फिलहाल कम है, जिसे बढ़ना चाहिए। क्योंकि कई लोगों का मानना है कि 60 साल की उम्र में 5,000 रुपए की राशि आज से 20-30 साल बाद काफी कम हो जाएगी। पीएफआरडीए को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में अटल पेंशन योजना के तहत खाताधारकों की संख्या डेढ़ करोड़ तक पहुंच सकती है।