scriptArun jaitley death : मध्य प्रदेश को बजेपी का गढ़ बनाने में अरुण जेटली का था बड़ा योगदान | arun jetli death : he was the game changer of mp politics | Patrika News

Arun jaitley death : मध्य प्रदेश को बजेपी का गढ़ बनाने में अरुण जेटली का था बड़ा योगदान

locationभोपालPublished: Aug 24, 2019 04:32:48 pm

Submitted by:

Faiz

arun jaitley news : साल 2003 में हुए मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रचार से लेकर भाजपा को सत्ता में लाने तक अरुण जेटली की अहम भूमिका गुज़री है।

Arun jaitley death

Arun jaitley death : मध्य प्रदेश को बजेपी का गढ़ बनाने में अरुण जेटली का था बड़ा योगदान

 

पढ़ें ये खास खबर- Today Petrol Diesel Rate : आज इतने बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए आपके शहर के रेट

जेटली की रणनीति ने दिलाई थी MP में सत्ता!

दरअसल, साल 2003 में हुए मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रचार से लेकर भाजपा को सत्ता में लाने तक अरुण जेटली की अहम भूमिका गुज़री है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि, जेटली की रणनीतियों और उमा भारती के चहरे के दम पर ही मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने में सफल हो पाई थी। साल 2003 में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने को लेकर वो 2002 यानी एक साल पहले से ही मध्य प्रदेश में सक्रीय हो गए थे और लगभग तीन महीने तो उन्होंने प्रदेश में ही डेरा जमा लिया था।


जेटली और उमा के दम पर टूटा था दिग्विजय का किला

2003 में होने वाले विधानसभा चुनाव के समय में अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे और वेंकैया नायडू भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष। ये दोनो ही नेता अरुण जेटली की राजनीतिक दक्षता और प्रबल रणनीतियों के कारण उन्हें काफी पसंद करते थे। दोनो ही दिग्गज नेताओं ने अरुण जेटली को मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पैर जमाने के लिए भेजा था। क्योंकि, 2003 से पहले तक मध्य प्रदेश को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। यहां दिग्विजय की 10 सालों की सरकार तोड़ पाना आसान काम नहीं था। इसलिए भाजपा की आला कमान ने अरुण जेटली की रणनीतियों और उमा भारती के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा को प्रदेश में सत्ता भी दिलाई।

 

पढ़ें ये खास खबर- अमित शाह की भाजपा दे रही सोनिया गांधी की कांग्रेस को मात


एक साल रहे सक्रीय

भाजपा आलाकमान की ओर से मध्य प्रेश का चुनाव प्रभारी बनाए जाने के बाद अरुण जेटली ने साल 2003 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर एक साल पहले यानी 2002 में ही मध्य प्रदेश में सक्रीयता बढ़ा दी थी। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के लगभग हर गांव-शहर का दौरा किया और प्रदेश के ज़मीनी हालात जाने। प्रदेश प्रभारी अरुण जेटली और चुनावी सलाहकार बनाए गए अनिल माधव दवे ने ही उस दौरान दिग्विजय सिंह को ‘मिस्टर बंटाढार’ की उपाधि दी थी और इसी स्लोगन पर भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो