ये है वजह
दरअसल, पुराने शिवराज मॉडल के तहत आइएएस अफसरों को एक भवन से दूसरे भवन में जाने के लिए बेहद पैदल चलना पड़ता है। कभी भी सीएम सचिवालय से बुलाए जाने पर आला अफसर जल्दी नहीं पहुंच पाते हैं। लिफ्ट तक पहुंचने के लिए ही काफी समय लग जाता है। इसलिए पांचवीं मंजिल को तीनों भवनों में कॉरीडोर के जरिए जोड़ रहे हैं। इसी तरह जब से मुख्य सचिव एसआर मोहंती एनेक्सी 2 में शिफ्ट हुए हैं, तब से चौथी मंजिल पर भी आला अफसरों को जाने की जरूरत पड़ती है। वहां भी दूसरी या तीसरी मंजिल तक पैदल चलकर जाने में देरी होती है, इसलिए चौथी मंजिल को भी कॉरीडोर के जरिए जोड़ रहे हैं। एक हफ्ते के भीतर यह कॉरीडोर बनकर तैयार हो जाएगा।
दरअसल, पुराने शिवराज मॉडल के तहत आइएएस अफसरों को एक भवन से दूसरे भवन में जाने के लिए बेहद पैदल चलना पड़ता है। कभी भी सीएम सचिवालय से बुलाए जाने पर आला अफसर जल्दी नहीं पहुंच पाते हैं। लिफ्ट तक पहुंचने के लिए ही काफी समय लग जाता है। इसलिए पांचवीं मंजिल को तीनों भवनों में कॉरीडोर के जरिए जोड़ रहे हैं। इसी तरह जब से मुख्य सचिव एसआर मोहंती एनेक्सी 2 में शिफ्ट हुए हैं, तब से चौथी मंजिल पर भी आला अफसरों को जाने की जरूरत पड़ती है। वहां भी दूसरी या तीसरी मंजिल तक पैदल चलकर जाने में देरी होती है, इसलिए चौथी मंजिल को भी कॉरीडोर के जरिए जोड़ रहे हैं। एक हफ्ते के भीतर यह कॉरीडोर बनकर तैयार हो जाएगा।