राजपूत ने कहा, मेले में पहले भी टैक्स में छूट मिलती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बंद करा दिया था। उन्होंने कहा, इस संबंध में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा था।
मैंने प्रशासनिक अनुमोदन कर दिया है, पहली कैबिनेट में इस पर निर्णय होगा। मंत्री ने कहा, अब वाहन चालकों का ड्रेसकोड भी निर्धारित करेंगे और हर हल्के में पटवारी की भी नियुक्ति होगी।
दरअसल पूर्व में भी इस मेले में राज्य सरकार ने वाणिज्यक कर में छूट देती थी, लेकिन 2003 से राज्य सरकार ने वाणिज्यक कर में छूट देना बंद कर दिया गया।
सिंधिया ने लिखा था पत्र…
अभी कुछ दिन पहले ही सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर ‘ग्वालियर व्यापार मेला’ में ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट की मांग की थी।
इससे पहले मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर यह मांग कर चुका है। दरअसल इस व्यापार मेले का मुख्य उद्देश्य शुरु से ही व्यापार को बढावा देना है, अगर छूट मिलती है तो आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश को व्यापार में जरुर फायदा होगा जैसे पहले हुआ करता था और इसके टर्नओवर में भी बढोत्तरी होगी।
सिंधिया ने पत्र में लिखा था कि ग्वालियर में यह व्यापार मेला बीते सौ सालों से आयोजित किया जा रहा है। इस मेले की ख्याति मध्यप्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश में व्याप्त है।
इस मेले की भव्यता और व्यापकता को देखते हुए राज्य शासन द्वारा अलग से मेला प्रधिकरण का गठन किया गया था, साथ ही पहले इस मेले में वाणिज्यकर में 50 प्रतिशत की छूट भी दी जाती थी।
जिससे जिले, राज्यों के व्याापारी, दुकानदार आकर्षित होकर यहां आते थे और व्यापार करते थे, जिसका फायदा प्रदेश की जनता को मिलता था और वस्तुओं को कम दाम में क्रय करने पर मदद मिलती थी, लेकिन 2003 में सत्ता परिवर्तन होते ही राज्य सरकार ने वाणिज्यक कर में छूट देना बंद कर दिया, जिसके कारण मेले का टर्न ओवर जो 500 करोड़ हुआ करता था अब 100 करोड़ होकर रह गया है।
ऐसे में सिंधिया ने मांग की थी कि लोगों का आकर्षण और टर्न ओवर फिर बढ़ाने के लिए मेले मे ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में बिकने वाले वाहनों पर रोड टैक्स कम कर 50 प्रतिशत की छूट दी जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा व्यापारी यहां इस व्यापार मेले मे रुचि दिखाए और ग्वालियर व्यापार मेला पहले की तरह फिर देशभर में गौरान्वित हो सके।
इससे पहले आयुक्त, ग्वालियर संभाग और अध्यक्ष, प्राधिकरण प्रमुख सचिव और मेला दुकानदार कल्याण समिति द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र भेजकर मांग की गई थी कि मेले में ऑटोमोबाइल के रोड टैक्स पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाए।
जानिये ग्वालियर मेले के बारे में…
सौ साल से ज्यादा के इतिहास के साथ, ग्वालियर व्यापार मेले में 104 एकड़ में विशाल और आधुनिक मेला आयोजित किया जाता है। यह 1905 में ग्वालियर महाराज माधव राव सिंधिया के राजा द्वारा शुरू किया गया था।
5000 मंडप और दुकानें शो रूम और प्रदर्शनियों के लिए तैयार करने के लिए उपलब्ध हैं। मेला परिसर में एक स्वतंत्र पावर सब-स्टेशन, पानी की व्यवस्था, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, बैंक और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं। हाल ही में GTFA द्वारा मेला परिसर में कला निर्यात सुविधा केंद्र की स्थापना की है।
इस मेले में एक महीने की अवधि में 10 लाख से अधिक लोग यहां आते हैं। जानकारों के अनुसार यह शानदार संस्कृति, पर्यटन और व्यापार की एक दुर्लभ और मनोरम संगम है। ग्वालियर व्यापार मेला मध्य प्रदेश का उत्तरी भारत में सबसे बड़ा व्यापार मेला है।
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