राजा रिसालू के पास फरियाद लेकर आती है चंद्रलेखा
नाटक राजा रिसालू में सिंहल द्वीप की राजकुमारी फूलबदन बड़ी सुंदर रहती है। वह कहती है कि जो कोई मेरे द्वारा पूछी गई पहेलियों का सही-सही उत्तर देगा, उसी के साथ मैं विवाह करूंगी और जो पहेलियों का सही उत्तर नहीं दे पाएगा, उसे दंड स्वरूप कारागार में डाल दिया जाएगा। इसी के चलते कई राजा-महाराजा राजकुमारी द्वारा बंदी बना लिए जाते हंै। सितलगढ़ के महाराजा सितलसिंह भी राजकुमारी द्वारा बंदी बना लिए जाते हैं। सितल सिंह की पत्नि चन्द्रलेखा रिसालगढ़ के राजा रिसालू के समक्ष फरियाद लेकर आती है और कहती है कि मेरे पति कई दिनों से लापता है। आप एक साहसी, विद्वान राजा है।
हीरामन तोता ढंूढता है सितलसिंह को
राजा रिसालू अपने तोते हीरामन को सितलसिंह का पता लगाने के लिए सिंह द्वीप भेजते हैं। जहां तोता राजकुमारी फूलबदन को देखकर सारी बात समझ जाता है और वापस आकर राजा रिसालू को सारी बात बतलाता है। राजा रिसालू अपने गुरु गोरखनाथ का ध्यान करके सिंहल द्वीप जाते हैं और राजकुमारी फूलबदन की पहेलियों का सही-सही उत्तर देकर समस्त बंदियों को छुड़वाते है और राजकुमारी फूलबदन के प्रण के मुताबिक उससे ब्याह करते हैं।