एक दर्जन स्वास्थ्य सेवा देना होगी इस साल ५१ जिलों में से २५ जिलों में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्रदेश के १३६ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से १०० को मप्र आरोग्यम के रुप में विकसित किया जाना है। इसके लिए ब्रांडिंग, बाह्य रोगियों के लिए बैठने की व्यवस्था, अधोसंचना का विकास, परामर्श कक्ष, स्थाफ, दवाओं की जांच व उपलब्धता आदि अनिवार्य होगा। हर केंद्र पर १२ तरह की स्वास्थ्य सेवाएं देना अनिवार्य होगा। यह सेवाएं इन केंद्रों पर अलग-अलग चरणों में शुरु की जाएगी। इनमें प्रसव से लेकर मानसिक स्वास्थ्य का प्रारंभिक निदान, उपचार भी शामिल है।
हर महीने देना होगी रिपोर्ट
हर महीने देना होगी रिपोर्ट
चिह्नित केंद्रों को हर महीने की ५ तारीख को शासन को रिपोर्ट भेजना होगी। इसमें डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, लेब टेक्नीशियन, ट्रैनिंग, आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता, लैब में जांच की सुविधा, नमूनों की स्थिति, योग आदि की गतिविधियों की अद्यतन रिपोर्ट भेजना होगी।
कैलेंडर के हिसाब से २३ सिंतबर से २ अक्टूबर तक इसका काम होना है। यह एक पखवाड़े तक चलेगा। पत्र भी जारी किया गया है। स्थानीय स्तर पर अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार सीएमएचओ क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों की उपलब्धता के अनुसार इसकी शुरुआत करेंगे।
डॉ. बीएन चौहान, संचालक, एनएचएम
डॉ. बीएन चौहान, संचालक, एनएचएम