फेल होने वाले प्रकरणों पर आपत्ति जताई और इनमें पैसा जमा करवाने के लिए कहा है। योजना के तहत मातृत्व लाभ लेने वाली चिह्नित महिलाओं के खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन 8698 एेसे खाते सामने आए हैं, जिनमें पैसा ही नहीं जमा हो रहा है। यह स्थिति तो तब है, जब इन खातों में पहली और दूसरी किस्तें जमा की जा चुकी है। अब इन खातों में भुगतान फेल हो रहा है।
अफसरों के अनेक तर्क
भुगतान फेल होने पर भारत सरकार ने आपत्ति ली तो राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों ने अपने-अपने तर्क देना शुरु कर दिए। उनका कहना है कि इसके कई कारण है। पहला कारण यह है कि खातें में यदि न्यूनतम पैसा नहीं हैं तो बैंक प्रबंधन, खाते को अक्रियाशील श्रेणी में डाल देते हैं। वहीं, खातों में लेनदेन नहीं होने से भी पैसा जमा होने में दिक्कत आ रही है। वहीं कुछ के बैंक खाता नंबरों में भी गलतियां सामने आई है।
भुगतान फेल होने पर भारत सरकार ने आपत्ति ली तो राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों ने अपने-अपने तर्क देना शुरु कर दिए। उनका कहना है कि इसके कई कारण है। पहला कारण यह है कि खातें में यदि न्यूनतम पैसा नहीं हैं तो बैंक प्रबंधन, खाते को अक्रियाशील श्रेणी में डाल देते हैं। वहीं, खातों में लेनदेन नहीं होने से भी पैसा जमा होने में दिक्कत आ रही है। वहीं कुछ के बैंक खाता नंबरों में भी गलतियां सामने आई है।
योजनाओं का लाभ न मिल पाने से महिलाओं आक्रोश है। जानकारों का कहना है कि सरकार की योजनाएं सक्षम लोगों को दी जा रही है। आवास योजना का लाभ भी उन्हे नहीं मिल पा र हा। कई बार आवास के नाम पर फार्म भी भरवाया गया लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीें मिला रहा। ग्रामीणों का कहना है कि लाभ न मिलने वाली योजना का कोई मतलब नहीं है।
भुगतान फेल होने की कई वजह है। भले ही पहली किस्त जमा इन्हीं खातों में जमा हुई हो, यदि इनमें लगातार लेनदेन नहीं किया जाता है तो अक्रियाशील हो जाते हैं, इसके कारण भी भुगतान नहीं हो पाता है। एेसे सभी खातों को हमने ढूंढक़र जिलेवार सूची तैयार की है, ताकि इन खातों में पैसा जमा करवाया जा सके।
– आरपी रमनवाल, अपर संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग
– आरपी रमनवाल, अपर संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग