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जांच एजेंसियों के रडार पर हैं कांग्रेस से चुनाव लड़े 11 लोकसभा उम्मीदवार, दिग्विजय सिंह का भी है नाम!

locationभोपालPublished: May 29, 2019 05:11:14 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

कांग्रेस के 11 लोकसभा उम्मीदवारों पर बेनामी लेनदेन के आरोप

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भोपाल. लोकसभा चुनाव के दौरान एमपी में कांग्रेस के बड़े नेताओं के सहयोगी के घर छापे पड़े थे। इसमें करोड़ों रुपये कैश भी मिले थे। उसके छापे के बाद से ही मध्यप्रदेश के कई कांग्रेस नेता जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। जिसमें इस बार कांग्रेस की टिकट चुनाव लड़े मध्यप्रदेश के 11 लोकसभा उम्मीदवार भी हैं।
अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में दावा

आयकर विभाग ने चुनाव के दौरान की गई कार्रवाई की रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी थी। इस दौरान जो भी साक्ष्य और सबूत मिले, उसे चुनाव आयोग ने सीबीआई को सौंप दिया है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसियां इन मामलों में आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई कर सकती है। इस रिपोर्ट में ग्यारह कांग्रेस उम्मीदवारों को बेनामी लेनदेन का भी जिक्र है। इसके साथ ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी को भी 20 करोड़ रुपये के भुगतान का आरोप है।
दरअसल, ये सारे साक्ष्य 7 अप्रैल 2019 को आयकर विभाग की कार्रवाई में मिले हैं। अखबार के अनुसार आयकर विभाग के जांचकर्ताओं ने कहा है कि वॉट्सऐप चैट और फोन इंटरसेप्ट के जरिए की गई बातचीत के आधार पर उन खातों का मिलान करवाया गया है। जिनके जरिए बेनामी लेनदेन हुई है। रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग को बातचीत के ट्रांसस्क्रिप्ट नहीं उपलब्ध करवाए गए हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले में चार मई को लिखित में सिफारिश की है कि इसमें सीबीआई जांच की जाए। इन पैसों को विभिन्न उम्मीदवारों के उपयोग के लिए डायवर्ट किया गया है।
सीए के कम्प्यूटर से मिली जानकारी

अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग के जांचकर्ताओं के रिकॉर्ड से पता चलता है कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह उन उम्मीदवारों की सूची में सबसे ऊपर हैं, जिन्हें पैसे मिले हैं। आयकर विभाग के अनुसार ये जानकारी उन्हें ललित कुमार चलानी के कंप्यूटर से मिले हैं। चेलानी एक सीए हैं। जो एमपी सीएम के पूर्व सहयोगी आरके मिगलानी और प्रवीण कक्कड़ के साथ काम कर चुके हैं।
आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चेलानी के कंप्यूटर में जो डिटेल मिले हैं, उसके अऩुसार लोकसभा उम्मीदवारों ने 25-50 लाख रुपये दिए गए और दिग्विजय सिंह को 90 लाख। वहीं, इस मामले में भुगतान से जुड़ी रसीदें महज दो उम्मीदवारों की मिलीं। जिसमें सतना से राजराम प्रजापति और बालाघाट से मधु भगत। अखबार से बातचीत में चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों ने जो खर्च किए हैं, उसका हिसाब जून के आखिर तक आ जाएगा, इसके बाद कोई कार्रवाई की जाएगी।
इन पर हैं आरोप

रिपोर्ट के अनुसार जिन उम्मीदवारों को पैसे मिलने के आरोप हैं, उनमें मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, मंडला से कमल मारवी, शहडोल से प्रमिला सिंह, सीधी से अजय सिंह राहुल, भिंड से देवाशीष जरारिया, होशंगाबाद से शैलेंद्र सिंह दीवान, खजुराहो से कविता सिंह और दमोह से प्रताप सिंह लोधी।
जांच के दायरे में चालीस विधायक

सिर्फ लोकसभा चुनावों के दौरान ही नहीं विधानसभा चुनाव के दौरान भी फंडिग हुई है। आयकर विभाग के अनुसार एक समूह के द्वारा 17.9 करोड़ रुपया 87 प्रत्याशियों को दिए गए थे, जिनमें 40 चुनाव जीतकर आए हैं।
वहीं, इन आरोपों पर अखबार से बातचीत में सीएम कमलनाथ ने कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नही हैं। सीएम ने यह भी कहा कि मामला सीबीआई को भेजने दें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसका कोई असर नहीं होगा। वो जो चाहें कह सकते हैं। जिन लोगों के घर छापे पड़े हैं, उनमें से एक हिमांशु शर्मा कह चुका है कि वो वह बीजेपी के लिए काम करता है।
कांग्रेस ने बताया निराधार

इन आरोपों पर सीधी से लोकसभा उम्मीदवार अजय कुमार सिंह ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। साथ ही छापे पर कोई भी प्रतिक्रिया देने स इनकार कर दिया। मंडला से उम्मीदवार कमल मारावी ने अखबार से कहा कि मैं चुनाव हार गया हूं, मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। वहीं प्रमिला सिंह ने कहा कि मैंने एकाउंट में पार्टी की तरफ से पैसा रिसीव किया है।
कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा- हमने कुछ नहीं किया

वहीं, भिंड से उम्मीदवार देवाशीष जरारिया ने कहा कि जब उस जगह पर रेड पड़ी थी तो मैं कांग्रेस उम्मीदवार नहीं था। मैं नहीं जानता हूं क्यों मुझे इस मामले में घसीटा जा रहा है। मेरा टिकट 13 अप्रैल को फाइनल हुआ था। मैं आर्थिक रूप से सक्षम नहीं था, पार्टी ने मेरे चुनावी एकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए थे। मैं चुनाव आयोग को इसकी डिटेल समय-समय पर देता रहा हूं।
इसके अलावे कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह लोधी और राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। होशंगाबाद से उम्मीदवार शैलेंद्र सिंह दीवान ने कहा कि जो पैसे मेरे बैंक खाते आएं, उसके अलावे मुझे कुछ नहीं मिला। शायद वे देना चाहते थे लेकिन मेरे पास कुछ नहीं पहुंचा। मुझे पता है कि मैंने कैसे चीजों को बेचकर चुनाव लड़ा है। वहीं, पूर्व ओएसडी कक्कड़ ने कहा कि मेरे घर से कोई कागजात और कैश नहीं मिले हैं।

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