कम उम्र में उठ गया था पिता का साया
निरहुआ के पिता कोलकाता की एक फैक्ट्री में काम करते थे। बेहद कम पैसे में वो पूरा परिवार चलाया करते थे। पिता के साथ काफी समय तक निरहुआ भी कोलकाता में रहे। बड़े भाई और पिता के साथ कोलकाता में रहने के बाद 1997 में वो अपने गांव वापस लौट आए। निरहुआ अपने चचेरे भाई बिरहा सम्राट विजय लाल यादव और प्यारे लाल यादव को अपना आदर्श मानते थे।किरण राव ने बेटे के जन्म के पहले 5 सालों तक झेला था मिसकैरेज, सालों बाद सुनाई आपबीती
पिता ने बढ़ाया था हौसला
भोजपुरी इंडस्ट्री में आने से पहले दिनेश शादियों में गाना गाने जाया करते थे। इन सब के बीच सफलता ना मिलने पर पिता ने उनका हौसला भी बढ़ाया और कहा, ‘जो लोग आज तुम्हें पसंद नहीं कर रहे हैं वो लोग ही आगे जाकर तुमसे मिलने को तरसेंगे।’ 19 साल की उम्र में पिता का साया सर से छिन जाने के बाद निरहुआ और भी अकेले हो गए। उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत चालू रखी।Latest Bollywood News
‘निरहुआ सटल रहे’ से बदल गया नाम
निरहुआ के एक गाने ने उनकी किस्मत बदल दी। कहा जाता है कि जब दिनेश ‘निरहुआ सटल रहे’ गाकर लौटे तो अगले दिन उन्हें लोगों ने घेर लिया। लोगों ने उनसे एक बार फिर उस गाने को गाने की डिमांड की। इस गाने से ही उनका नाम बदला और लोग उनको निरहुआ कहकर बुलाने लगे। इसके बाद निरहुआ ने पीछे पलटकर नहीं देखा। उनको फिल्मों के ऑफर भी आने लगे।एक्टिंग करने पर खाई हथौड़े से मार, 500 रुपए लेकर घर से भागा, अब है बहुत बड़ा एक्टर
नहीं थी साइकिल और आज है करोड़ों की गाड़ियां
एक समय था जब दिनेश लाल यादव के पास खुद की साइकिल भी नहीं थी। लेकिन उनकी मेहनत और टैलेंट ने उन्हें फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया। कमाई के मामले में निरहुआ बॉलीवुड सेलेब्स को भी टक्कर देते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो निरहुआ के पास टोयोटा क्रिस्टा, टोयोटा फॉर्च्यूनर, BMW X5, रेंज रोवर जैसी शानदार गाड़ियां है।Latest Bhojpuri News
बता दें कि भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव को लोकसभा चुनाव-2024 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से आजमगढ़ से टिकट दिया है। दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह मार्च 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे।
आपने जाना भोजपुरी स्टार निरहुआ के सफर के बारे में। अगली कड़ी में हम आपको बताएंगे एक और भोजपुरी सितारे के बारे में।