केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में मनेठी के लिए एम्स की मंजूरी मिली है। इसके लिए बाकायदा 1100 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर हुआ है। पूर्व की हुड्डा सरकार ने यूपीए कार्यकाल-।। में झज्जर के बाढ़सा में एक्स-।। के साथ-साथ नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की मंजूरी मिली थी। एम्स-।। की ओपीडी भी घोषणा पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद कर चुके हैं। इसके बाद नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की नींव पीएम नरेंद्र मोदी ने 2015 में रखी थी।
गत 12 फरवरी के अपने कुरुक्षेत्र दौरे के दौरान पीएम मोदी कैंसर इंस्टीट्यूट जनता को समर्पित कर चुके हैं। राज्यपाल अभिभाषण में मनेठी में देश का 22वां एम्स स्थापित किए जाने का जिक्र किया गया है। लाडवा विधायक डॉ.पवन सैनी जब इस उपलब्धि के लिए राज्य सरकार की पीठ थपथपा रहे थे, तो झज्जर विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने झज्जर के बाढ़सा में स्थापित किए जाने वाले एम्स-टू का मुद्दा उठाया।
भुक्कल ने बादली विधायक व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ को राजनीतिक तौर पर कमजोर बताते हुए कहा कि वह अपने इलाके के इतने बड़े इंस्टीट्यूट को बाहर शिफ्ट होने से रोक नहीं सके। एम्स के मुद्दे पर खुद धनखड़ ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी अपनी बात रखीं लेकिन उन्होंने इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट नहीं किया कि मनेठी में बनने वाला एम्स झज्जर से ही शिफ्ट हुआ है या फिर मनेठी में नया एम्स बन रहा है। सरकार के संकेतों से यह स्पष्ट था कि झज्जर में एम्स अब नहीं बनने वाला।