मृतक किसान के भतीजे अनूप ने बताया कि उचित मुआवजा की मांग को लेकर समय तय किया गया था लेकिन कोई समाधान न निकलना देख ज्यादा परेशान हो गए थे। पुलिस को दी शिकायत में बताया कि ग्रीन कारिडोर निर्माण में अधिग्रहित की गई 7 एकड़ जमीन व उचित मुआवजा न मिलने के कारण हर वक्त परेशान रहता था। इसलिए आहत होकर मेरे चाचा ने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने भी कहा कि जमीन का उचित मुआवजा न मिलने के कारण परेशान होकर आत्महत्या की है।
बता दें कि उचित मुआवजा की मांग को लेकर 17 गांवों के किसान कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। इस मामले में सदर थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। किसान आत्महत्या मामले में पुलिस ने इतफाकिया मौत की कार्रवाई की है। शव को देरी से देने के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच अधिकारी कुलदीप सिंह ने पीजीआइ पहुंचकर समय पर सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर दी थी। उसके बाद पोस्टमार्टम का काम चिकित्सकों का था।