अभी तक क्षेत्र में सिर्फ एक इकाई को उत्पादन शुरू करने के लिए कनेक्शन मिला है। उक्त इकाई द्वारा ऑटो पार्टस का निर्माण किया जा रहा है। इसको कनेक्शन देने के लिए रीको ने निगम को उक्त क्षेत्र की लाइन आंशिक रूप से हैंडओवर की थी।
लाखों रुपए खर्च फिर भी नहीं हलक्षेत्र में एक वायर निर्माण करने वाली इकाई को 40 हजार मीटर के भूखंड पर निर्माण होना है। उक्त इकाई ने लाखों रुपए की प्रतिभूति राशि जमा कराई लेकिन उसे अस्थायी कनेक्शन में सिर्फ छह घंटे बिजली मिल रही है। इतना बड़ा निर्माण करने के लिए उसे 24 घंटे नियमित बिजली आपूर्ति की जरूरत है। कंपनी के प्रतिनिधि निगम के चक्कर लगा रहे हैं। स्थायी कनेक्शन की भी मांग कर रहे हैं लेकिन उनका कोई इंतजाम नहीं हो रहा है।
तीन साल में उत्पादन जरूरीरीको का नियम है कि निवेशकों को आवंटित भूखंड से तीन साल के अंदर उत्पादन शुरू करना होगा। अगर तय अवधि में निवेशक उत्पादन शुरू नहीं करते हैं तो वह आवंटित भूखंड का निरस्त कर देता है, जुर्माना लेती है। ऐसी स्थिति में जहां सुविधाएं ही नहीं है, वहां निवेशकों को बेवजह परेशानी झेलनी पड़ेगी।
नव विकसित क्षेत्र सलारपुरउद्योग क्षेत्र भिवाड़ी, कहरानी, चौपानकी, पथरेड़ी, खुशखेड़ा, कारौली, टपूकड़ा, सारेखुर्द, बंदापुर औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो चुके हैं। सलारपुर में कुल 210 औद्योगिक भूखंड हैं जिसमें से 29 भूखंड उद्यमियों ने उद्योग लगाने खरीद लिए हैं। सलारपुर में 83 हेक्टेयर में आवासीय और व्यावसायिक उपयोग होगा। उद्योग के लिए एक हजार वर्गमीटर से ऊपर के प्लॉट हैं। ऑटो जोन के लिए 249 हेक्टेयर, इलेक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चरिंगरिंगरिंग क्लस्टर (ईएमसी) के लिए 26 हेक्टेयर जमीन और जनरल जोन के लिए 26.74 हेक्टेयर जमीन रखी गई हैं।
अभी रीको की विद्युत लाइन निगम को हैंडओवर नहीं हुई हैं। अस्थायी कनेक्शन के लिए भी वहां ग्रामीण फीडर है, उसी से कनेक्शन दिए जा सकते हैं।सौरव जोशी, एईएन, टपूकड़ा
आधे क्षेत्र में लाइन डल चुकी है जिसे कुछ दिनों में निगम को हैंडओवर कर दिया जाएगा। इस संबंध में पावर एसई और कार्यदायी एजेंसी से बात हुई है।आदित्य शर्मा, यूनिट हेड, रीको