अटल मिशन फॉर रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) योजना के दूसरे चरण में टेंडर सितंबर 2023 में खुला था। इसमें एक केंद्रीयकृत 34 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण और छूटे हुए क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाई जानी है। टेंडर हुआ और एक फर्म ने दस प्रतिशत कम दर पर टेंडर भी ले लिया। 24 जनवरी को विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर में भाग लेने अतिरिक्त मुख्य सचिव भिवाड़ी आए और उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इसमें प्रोजेक्ट को लेकर भी विमर्श हुआ। सचिव ने केंद्रीयकृत एसटीपी की जगह कम क्षमता के एसटीपी अलग-अलग क्षेत्र में निर्माण कराने और पानी का उन्हीं क्षेत्र में उपयोग कराने संबंधी सुझाव दिया। इस व्यवस्था से प्रोजेक्ट की लागत कम आने की संभावना है। इस सुझाव के बाद प्रोजेक्ट को नए सिरे से तैयार होने की तैयारी की गई।
प्री मानसून की बारिश ने साफ की विश्व के सबसे प्रदूषित शहर की आबोहवा, वायु गुणवत्ता हुई बेहतर कई बार अटका टेंडर
प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यालय ने भी कई बार नगर परिषद अधिकारियों से कसरत कराई। शोधित पानी का निस्तारण कहां होगा, इस बिंदु की वजह से भी एक बार टेंडर को रोका गया। जब टेंडर होन के बाद कार्यादेश हो गया, तब सचिव के निर्देश के बाद स्थानीय अधिकारी कुछ समझ नहीं पाए। बाद में मामला मुख्यालय ही भेज दिया।
एसटीपी का निर्माण केंद्रीकृत होगा या छोटे आकार में, किस क्षेत्र में कितनी क्षमता का एसटीपी काम करेगा, इसका निर्णय नहीं हो सका है। यह मामला उच्च स्तर पर लंबित है। धर्मवीर यादव, एक्सईएन, नगर परिषद