-हमें दूसरी महिला के नाम के रुपए बताकर अंगूठा लगवाकर एक बार 85 हजार और दूसरी बार 70 हजार निकलवाए। इसमें पहले पांच फिर 10 हजार रुपए दिए। तीसरी बार राशि निकाली, उसमें कुछ नहीं दिए। हमारे 70 हजार रुपए और निकल रहे हैं, लेकिन दे नहीं रहे। हमारे कागज 2018 के जमा थे। नपा में ही हमें इसकी जानकारी मिली, तब कार्रवाई की जा रही है।
सोमता बाई,
-मजदूर कार्ड तो बीच में अभियान चला था, तब किसी ने आवेदन कर दिया होगा, जिससे बन गया। राशि भी महिला के ही खाते में आई थी, लेकिन बाबू ने महिला को कम पैसे देकर बाकी स्वयं ले लिए थे। यह रुपए बाद में वापस भी करवा दिए गए, बाबू को हटा दिया गया है। जांच तो साहब के आने पर ही होगी।
राजेंद्र सिंह चौहान, प्रभारी संबल योजना
एक व्यक्ति की मौत होने के करीब एक माह बाद उसका कूटरचित मजदूरी कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना में रुपए निकालने का मामला कलेक्टर के पास पहुंचा था। कलेक्टर ने बाबू को शाखा से हटाने को कहा था, हमने हटा दिया है, जांच करने को भी कहा था, लेकिन मैं पहले ट्रेनिंग और बाद अन्य कारणों से कार्यालय नहीं जा पाया, इसलिए जांच रुकी है।
वीरेंद्र तिवारी, सीएमओ, नपा, भिण्ड।