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भिंड

पति की मौत के बाद आर्थिक संकट से जूझ रही महिला, बाबू ने निकाल ली संबल की राशि

जिले में संबल योजना के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। वर्ष 2018 में एक महिला के पति की मौत के बाद नपा में पदस्थ बाबू ने महिला के नाम से संबल योजना का आवेदन कर 2.06 लाख रुपए निकाल लिए। महिला को जब इसकी जानकारी मिली तो कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से शिकायत की। अधिकारी मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रहे हैं, कलेक्टर के हस्तक्षेप पर महिला को 1.15 लाख रुपए तो मिल गए हैं, लेकिन बाबू के खिलाफ कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई है।

भिंडFeb 20, 2024 / 10:09 pm

Ravindra Kushwah

भिण्ड में  संबल योजना में भ्रष्टाचार

नपा की जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा।

भिण्ड. पांच साल पहले पति की मौत के बाद वृद्ध महिला चार पहिया का ठेला लगाकर ब्याज पर रुपए लेकर भरण पोषण कर रही थी। जबकि उसके पति की मौत के आधार पर नगरपालिा के बाबू ने सांठगांठ कर 2.06 हजार रुपए निकाल लिए। हालांकि राशि महिला के ही खाते में ली, लेकिन उसे गुमराह कर पूरी राशि निकाल ली और महिला को दो बार में केवल 15 हजार रुपए दिए।
महिला को जब कुछ लोगों ने बताया कि यह सारा पैसा उसका स्वयं का है, तो वापसी के लिए प्रयास शुरू किए। नगरपालिा में सुनवाई नहीं हुई तो 15 दिन पहले कलेक्टर के पास पहुंची। कलेक्टर ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के बाबू जीतू श्रीवास को बुलाया और कड़ी फटका लगाई तब उसने महिला को कुल 1.15 लाख रुपए अब तक दिए हैं। बाकी पैसे देने से साफ मुकर गया है। वार्ड क्रमांक सात में रहने वाली सोमता बाई पत्नी पन्नालाल के पति की मौत वर्ष 2018 में हुई थी। उसने आवेदन दिया था, इसी का फायदा उठाकर महिला से पासबुक आदि ले लिए और प्रकरण बिना बताए तैयार कर संबल योजना से राशि मंजूर करवा ली। बाबू ने खाते से पैसे निकलवाने के लिए महिला को गुमराह किया और दूसरी महिला का खाता बताकर अंगूठा लगवाकर दो बार में रुपए निकाल लिए और महिला को 15 हजार रुपए ही दिए। जब कुछ लोगों ने महिला को इसके बारे में बताया तो उसने अपने बाकी पैसे मांगने शुरू किए, लेकिन बाबू गुमराह करता रहा। तब मामला कलेक्टर के पास पहुंचा। कलेक्टर ने दबाव बनाया तो कुल सवा लाख रुपए महिला को दे दिए, बाकी राशि देने स साफ मुकर गया है। ऐसा ही मामला आलमपुर में सामने आने पर न केवल निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है बल्कि एफआईटार भी हो चुकी है।
बाबू को हटाया, जांच और कार्रवाई नहीं
कलेक्टर ने मामला संज्ञान में आते ही बाबू को हटाने और पूरे प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के लिए कहा था। लेकिन उसे हटाया नहीं गया। 10 फरवरी को लाड़ली बहनाओं के खातों में राशि हस्तांतरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने पहुंचे तो वही बाबू काम करते दिख गया, तब कलेक्टर के हस्तक्षेप पर उसे काम पर आने से रोका गया है। लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। जनवरी के अंतिम सप्ताह में सामाजिक कार्यकर्ता जगतबहादुर बैस भी आयुक्त नकरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को एक शिकायती आवेदन दे चुके हैं। जिसमें नगरपालिका भिण्ड में वर्ष 2019 से 2023 के बीच भारत सरकार व मध्यप्रदेश शासन की श्रम आधारित योजनाओं में कूटरचित दस्तावेज तैयार करके मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना संबल के तहत मृतक के आश्रितों दिए जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि के दस्तावेजों में हेरफेर करके करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है।
अटेर में जीवित व्यक्ति को मृत दर्शाया
दूसरी ओर जनपद पंचायत अटेर में एक जीवित व्यक्ति को मृत दर्शाने का मामला सामने आया है। प्रतापुपरा हाल गांधी नगर निवासी 70 वर्षीय व्यक्ति बारे खान को मृत मानकर उसकी समग्री आईडी भी बंद कर दी गई है। जो आईडी दिखाई जा रही है, उसका प्रिंट करने पर उसमें नाम के आगे स्वर्गीय लिखकर आ रहा है। परिजनों को आशंका है कि उनके नाम से भी तो किसी योजना में धनराशि आहरित न कर ली हो। परिजनों ने समग्र आईडी को दोबारा चालू कराने के लिए पहले ग्राम पंचायत, फिर जनपद पंचायत में संपर्क किया। मामला गंभीर देखते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अटेर राजधर पटेल ने कलेक्टर को समग्र पोर्टल से डिलीट आईडी को रिकवर कराने के लिए पत्र लिखा है। पांच फरवरी को लिखे इस पत्र में बलारपुरा की बिटोलीदेवी एवं जवासा की वीरेंद्र सिंह की समग्र आईडी भी इसी प्रकार डिलीट होने और उसे रिकवर करने के लिए अनुशंसा की है।
कथन-
-हमें दूसरी महिला के नाम के रुपए बताकर अंगूठा लगवाकर एक बार 85 हजार और दूसरी बार 70 हजार निकलवाए। इसमें पहले पांच फिर 10 हजार रुपए दिए। तीसरी बार राशि निकाली, उसमें कुछ नहीं दिए। हमारे 70 हजार रुपए और निकल रहे हैं, लेकिन दे नहीं रहे। हमारे कागज 2018 के जमा थे। नपा में ही हमें इसकी जानकारी मिली, तब कार्रवाई की जा रही है।
सोमता बाई,
-मजदूर कार्ड तो बीच में अभियान चला था, तब किसी ने आवेदन कर दिया होगा, जिससे बन गया। राशि भी महिला के ही खाते में आई थी, लेकिन बाबू ने महिला को कम पैसे देकर बाकी स्वयं ले लिए थे। यह रुपए बाद में वापस भी करवा दिए गए, बाबू को हटा दिया गया है। जांच तो साहब के आने पर ही होगी।
राजेंद्र सिंह चौहान, प्रभारी संबल योजना
एक व्यक्ति की मौत होने के करीब एक माह बाद उसका कूटरचित मजदूरी कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर संबल योजना में रुपए निकालने का मामला कलेक्टर के पास पहुंचा था। कलेक्टर ने बाबू को शाखा से हटाने को कहा था, हमने हटा दिया है, जांच करने को भी कहा था, लेकिन मैं पहले ट्रेनिंग और बाद अन्य कारणों से कार्यालय नहीं जा पाया, इसलिए जांच रुकी है।
वीरेंद्र तिवारी, सीएमओ, नपा, भिण्ड।
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