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महापुरुषों की प्रतिमाओं पर हुए लाखों खर्च, धूलझाडऩें तक की नहीं फुर्सत

locationभिंडPublished: Feb 19, 2019 11:42:54 pm

Submitted by:

Rajeev Goswami

45 लाख रुपए खर्च कर चुकी है नपा, पूर्व से स्थापित प्रतिमाओं का भी बुरा हाल

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महापुरुषों की प्रतिमाओं पर हुए लाखों खर्च, धूलझाडऩें तक की नहीं फुर्सत

भिण्ड. पिछले 18 साल में महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने पर नपा तथा अन्य विभागों ने करोड़ों रुपए खर्चकर डाले हैं, लेकिन किसी को धूल झाडऩे तक की फुर्सत नहीं है। जयंती या पुण्यतिथि पर ही याद आती है वो भी समाजिक संगठनों को। तीन साल के भीतर 45 लाख से स्थापित हुई दो प्रतिमाओं का तो अभी तक अनावरण भी नहीं हुआ है।
करीब तीन साल पहले क्षत्रिय समाज की मांग पर हाइवे-92 बायपास के किनारे सर्किट हाउस के पास महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की गई थी। स्थापना पर नपा ने 29 लाख रुपए खर्च किए हैं। सालों गुजर जाने के बाद भी प्रतिमा का अनावरण नहीं कराया गया है। कई बार नपा प्रतिमा को ढकवा चुकी है, लेकिन तेज हवा से हर बार खुल जाती है। वर्तमान में प्रतिमा पर 2-2 सेमी धूल जमी हुई है। इसी प्रकार भीमनगर चौराहे पर राठौर समाज की मंाग पर छह माह पहले ही राष्ट्रवीर दुर्गादास की प्रतिमा की स्थापना कराई गई थी। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण नपा ने आनन-फानन में अनावरण की औपचारिकताएं तो पूरी करा दी थी। लेकिन प्रतिमा का फाउंडेशन अभी भी अधूरा पड़ा है। सडक़ कच्चीं होने के कारण वाहनों से उडऩे वाली धूल प्रतिमा पर चढ़ रही है। इस प्रतिमा पर नपा 15 लाख से अधिक का बजट खर्चकर चुकी है।
ये प्रतिमाएं भी बदहाली की शिकार
सुभाष तिराहे पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस, बस स्टैंड पर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, आर्यनगर चौराहे पर पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, व्यापार मंडल धर्मशाला पर उग्रसेन, इटावा चुंगी पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, किलागेट पर भगतसिंह की प्रतिमाएं बदहाली की शिकार है। इन प्रतिमाओं की स्थापना 18 साल पहले कराई गई थी।
10 माह से कबाड़े में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा
दस माह पहले 2 अप्रैल को सामाजिक उपद्रव के दौरान समाजकंटकों ने सब्जी मंडी में स्थापित अष्टधातु से निर्मित भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ दिया था। ये प्रतिमा तभी से कबाड़े में पड़ी है। नपा ने इस प्रतिमा को स्थापित करने के लिए 12.71 लाख का बजट स्वीकृत किया है।
स्थापित नहीं हुई अबंतीबाई की प्रतिमा
15 साल पहले पूर्व सीएम उमाभारती ने लहार चुंगी पर अबंतीबाई की प्रतिमा स्थापना के लिए भूमि पूजन किया था। लहार चुंंगी का नाम ही अबंतीबाई चौराहा कर दिया था। फिर इसका स्थान बदलकर सर्किट हाउस के पास कर दिया गया। हाइवे प्राधिकरण के नियम बाधक बने तो स्थान बदलकर बीएसएनएल के पास किया गया। यहां पर नपा ने करीब पांच लाख खर्चकर फाउंडेशन भी बना दिया था, लेकिन भूमि को लेकर विवाद खड़ा हो जाने पर अब इसे अबंतीबाई धर्मशाला के पास ले जाने की बात सामने आ रही है। अबंतीबाई की प्रतिमा बनकर अभी तक आई ही नहीं है जबकि नपा करीब 22 लाख का भुगतान कर चुकी है।
-प्रतिमाओं की स्थापना भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा जरिया है। इस जरिए शासन को लाखों का नुकसान पहुंचाया गया है। जो चबूतरा 50 हजार का बनना चाहिए उसका भुगतान 5 लाख तक किया गया है। परिषद के सामने तो ये प्रकरण लाए ही नहीं जाते।
आशारतन चंद्र जैन नेता प्रतिपक्ष नपा भिण्ड
&प्रतिमाओं की स्थापना जनता की मांग पर की गई है। सभी का अनुमोदन परिषद ने किया है। सिर्फ दो प्रतिमाएं अनावरण के लिए बची है। जल्दी ही कार्यक्रम बनाकर अनावरण कराया जाएगा।
कलावती मिहोलिया
अध्यक्ष नपा भिण्ड
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