जिले के अटेर तहसील के पावई थाना क्षेत्र के ग्राम राजपुरा में पौधा लगाए जाने पर विवाद हो गया। मामला ये था कि राजपुरा में रहने वाले सीताराम नरवरिया (45) ने गांव में स्थित सीताराम मंदिर के प्रांगण में कुछ पौधे रोपण किए थे। पौधा रोपण शुक्रवार शाम को किया गया था। जिसको लेकर गांव के ही विनोद (35) पुत्र इंद्रजीत नरवरिया (60) ने आपत्ती जताई थी। जिसको लेकर सीताराम और विनोद के परिवार के बीच वाद-विवाद हुआ था। अन्य लोगों की मदद से दोनों परिवारों के बीच का झगड़ा शांत करा दिया गया था। शनिवार सुबह 6.30 बजे विनोद नरवरिया ने मंदिर में जाकर पौधे उखाडऩा शुरू कर दिए। जिसको लेकर सीताराम और विनोद के बीच फिर से झगड़ा होने लगा। सीताराम के बेटे प्रदीप नरवरिया ने डायल 100 को बुला लिया। पुलिस आई तो विनोद वहां से गायब हो गया।
दोनों परिवारों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन नतीजा न निकलता देख पुलिस विनोद के पिता इंद्रजीत को गाड़ी में बिठा कर थाने ले जाने लगी। पुलिस की गाड़ी के पीछे देख सीताराम और उसका बेटा प्रदीप भी जान थाने की ओर चल दिए। गांव से थोड़ी ही दूर निकले थे कि पुलिया पर पहले थे हथियार लेके बैठे विनोद, शैलेन्द्र, राजेश, जसवंत ने सीताराम को 12 बोर की बंदूक से गोली मार दी। जिससे सीताराम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद उसके बेटे प्रदीप पर भी फायर किया। लेकिन वह जान बचाने में कामयाब हो गया। आरोपियों ने पुलिस के सामने ही सीताराम को गोली मार दी और भाग गए। डायल 100 की गाड़ी मौके पर ही मौजूद थी लेकिन वह हत्यारों को पकडऩे में कामयाब नहीं हो सकी।
परिवार ने लगाया जाम
सीताराम की हत्या होने के बाद परिवार के लोगों ने मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। उन्होनें पुलिस से तत्काल आरोपियों को पकडऩे की बात कही और सीताराम के परिजनों को पुलिस सुरक्षा प्रदान कराने को कहा। सीताराम की हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल हो गया है। आरोपी विनोद के पिता इंद्रजीत पुलिस की गिरफ्त में हैं।
इस बात का सता रहा है डर
भिण्ड में एक चलन जोरों पर है जिसमें दो पक्षों के बीच यदि विवाद होता है और किसी एक पक्ष के सदस्य की हत्या हो जाती है तो जो दूसरा पक्ष पहले पक्ष पर हत्या का आरोप लगाने के लिए अपने परिवार के किसी बूढ़े सदस्य की खुद ही हत्या कर देते हैं। ऐसे कई केस भिण्ड जिले में देखने में आए हैं। जिससे भयभीत होकर सीताराम के परिवार के लोगों ने पुलिस को कहा कि हमे सुरक्षा प्रदान करें और यदि ऐसा कुछ होता है तो उस की जिम्मेदारी सीताराम के परिवार पर नहीं आए।