पुलिस के अनुसार वन रेंजर सुखदेव अरोरा के नेतृत्व में वन अमला फूप क्षेत्र के रानीपुरा गांव के पास चंबल नदी से हो रहे अवैध खनन को रोकने अमला पहुंचा था। जैसे ही वन अमले ने माफिया का अवैध रेत परिवहन रोकने के लिए चंबल के रास्तों में गड्ढे खोदने शुरू किए तभी एक दर्जन से अधिक रेत माफिया ने आकर मारपीट शुरू कर दी। बाद में उन्होंने वन अमले पर पथराव कर दिया। ऐसे में वन अमले ने पुलिस को घटना के बारे में सूचना दी। करीब एक सैकड़ा पुलिस बल के साथ एसडीओपी अटेर के नेतृत्व में थाना प्रभारी जेआर खरे, जेएस यादव, थाना प्रभारी ऊमरी तिमेश छारी रानीपुरा के बीहड़ में पहुंचे। बावजूद इसके रेत माफिया वहां से नहीं भागे बल्कि पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। हैरानी की बात ये है कि माफिया ने पुलिस से करीब आधा घंटे तक फायरिंग की। ऐसे में गांव में दहशत का माहौल निर्मित हो गया। घटनास्थल पर ज्यादा पुलिस बल पहुंचने पर माफिया बीहड़ के रास्तों से फरार हो गए।
मौके पर मिला करीब १० ट्रॉला रेत को कराया नष्ट: पुलिस एवं वन अमले की संयुक्त कार्यवाही में मौके पर माफिया द्वारा एकत्र किया गया अवैध रेत का भण्डारण नष्ट करा दिया गया है। अनुमानत: १० ट्रॉला रेत बताया गया है। पुलिस ने १० नामजद सहित २२ आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, फायर कर दहशत फैलाने एवं अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
-शेष आरोपियों को नामजद किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिनके नाम मिल गए हैं उनके खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई है। गुरकरन सिंह, प्रभारी एसपी भिण्ड