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नसबंदी फेल पर भी डाक्टरों को क्यों जारी नहीं किए नोटिस

locationभीलवाड़ाPublished: Jul 21, 2019 06:20:52 pm

Submitted by:

Suresh Jain

प्रदेश में 11641 से ज्यादा नसबंदी फेल हुई, पांच साल में 22 करोड़ रुपए मुआवजा देना पड़ा सरकार को

Why not issued notice to doctors on sterilization failure in bhilwara

Why not issued notice to doctors on sterilization failure in bhilwara

भीलवाड़ा।

देश में नसबंदी फेल Sterilization होने के मामले में राजस्थान अव्वल है। यहां हर साल सैंकड़ों नसबंदी के केस फेल हो रहे है। इसके चलते सरकार को पीडि़तों को करोड़ों रुपए मुआवजा अदा करना पड़ा है। पिछले पांच साल के आंकड़े देखे तो प्रदेश में नसबंदी के ११६४१ केस फेल हो गए। नसबंदी फेल होने पर पीडि़तों को २१ करोड़ ९३ लाख ९० हजार मुआवजा देना पड़ा। वहीं इस अवधि में नसबंदी Sterilization के बाद ३५ महिलाओं मौत हो गई। उनके परिजनों को ६२ लाख ५० हजार मुआवजा दिया गया। कुछ मामलों में संक्रमण और अन्य जटिलताओं के चलते महिलाओं की बच्चेदानी निकालनी पड़ी। प्रदेश में सबसे ज्यादा अजमेर में ५८१ और कोटा में ५२९ केस फेल हुए। भीलवाड़ा जिले में पांच साल में २९५ नसबंदी ऑपरेशन फेल हुए, जिसके चलते सरकार को ८८ लाख ५० हजार रुपए हर्जाना देना पड़ा। जिले में एक महिला की मृत्यु भी हुई। Sterilization
https://www.patrika.com/bhilwara-news/sterilization-operation-failure-what-action-should-be-taken-against-responsible-tell-us-2365562/


महिलाएं आगे, पुरुष पीछे
प्रदेश में पांच साल में कुल १३ लाख ८१, ८१५ नसबंदियां हुई। इनमें ३ लाख ६३,२७१ महिलाएं व १८, ५४४ पुरुषों ने नसबंदी कराई। आठ ऐसे जिले शामिल हैं, जिनमें पूरे पांच साल में अधिकतम १०० पुरुषों ने भी नसबंदी नहीं कराई। खास बात यह है कि इन्हीं जिलों में महिलाओं की संख्या हजारों में हैं।

पुरुष नसबंदी भी फेल
चिकित्सा विभाग के अनुसार प्रदेश में पुरुष नसबंदी के १७० केस फेल हुए। इनमें सर्वाधिक चूरू में ५७, कोटा में ११ केस है। हनुमानगढ़ व जयपुर प्रथम ९-९, अलवर व झुंझुंनू ८-८,अजमेर ७, भीलवाड़ा व चित्तौडग़ढ़ में ६-६, बीकानेर, सवाई माधोपुर, पाली, सीकर जोधपुर, व जयपुर द्वितीय ४-४, प्रतापगढ, गंगानगर व बारा ३-३, भरतपुर, नागौर व बांसवाड़ा २-२, बाडमेर, सिरोही, बूंदी, जालौर, राजसमन्द १-१ केस फेल हुए। इन्हें ५१ लाख रुपए मुआवजा दिया गया।

इसलिए नसबंदी नहीं कराते पुरुष
पुरुषों में यह भ्रान्तियां हैं कि नसबंदी से शारीरिक कमजोरी या वैवाहिक जीवन में बाधा आती है, जबकि ऐसा नहीं है। जिले में इस साल अब तक १५ पुरुषों ने नसबंदी कराई है।

सौ में २-३ नसबंदी हो सकती है फेल
नसबंदी के दौरान हर तरह की सावधानी रखी जाती है। उसके बाद भी सौ में से २ से ३ नसबंदी फेल होती है। इसका मुख्य कारण रिंग स्लीप होना या सूजन आना है। नसबंदी फेल होने पर ३० हजार रुपए का बीमा क्लेम दिया जाता है। किसी डॉक्टर को अब तक नोटिस नहीं दिया गया है।
डॉ. मुस्ताक खान, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क)
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