सुरक्षा कारणों से शहर में कलक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन क्षेत्र, गोल प्याऊ ,भीमगंज थाना, सुभाषनगर थाना, नेहरू उद्यान, शिवाजी उद्यान,परशुराम सर्किल, अजमेर चौराहा, बस स्टैंड चौराहे व गायत्री आश्रम चौराहा क्षेत्र को पुलिस प्रशासन ने सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यहां ३३ पोल पर ८० सीसी कैमरे लगा दिए है, लेकिन अभी कलक्ट्रेट व रेलवे स्टेशन क्षेत्र में स्थापित २१ सीसी कैमरे ही चालू है। जबकि विभिन्न पोलों पर लगे अभी ५९ सीसी कैमरे अभी चालू नहींं हो सके है।
हरेन्द्र कुमार महावर, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा
उमेश चौहान, नेटवर्क इंचार्ज, अभय कमांड योजना
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तीसरी आंख ये भी रखेगी नजर
१. कैमरों के दायरे में गुजरने वाले वाहनों को जीपीएस के दायरे में लाया जा सकेगा। इससे वाहन की लोकेशन पता की जा सकेगी। वाहन की गति कितनी है और चालक का नियंत्रण कैसा है। इसकी भी जानकारी ये कैमरे दे सकेंगे। इस सिस्टम के जरिए इंटलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट भी प्रभावी हो सकेगा।
२. ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर वाहन की नम्बर प्लेट देखकर चालक के खिलाफ पर चालान भी काट सकेंगे। ३. अभय कमांड कंट्रोल रूम पर पुलिस टीम के साथ कंपनी के कर्मचारी भी तैनात रहेंगे।
४. पुलिस कंट्रोल रूम का सौ नम्बर भी बाद में यहां काम करेगा। सौ नम्बर की कॉल ट्रेस करने के बाद सम्बन्धित सुरक्षा व पुलिस टीम को मौके पर रवाना किया जाएगा।
५.महिला हेल्पलाइन १०९० भी इसी नियंत्रण कक्ष में कार्य कर रहा है।
६. कंट्रोल रूम पर आने वाली कॉल की स्वत: रिकार्डिंग हो सकेगी और उसका मेप लोकेशन भी ट्रेस हो सकेगा। ………………………
सीसी कैमरे फॉरेसिंक जांच लेब के लिए बनेंगे मददगार
अभय कमांड योजना के तहत सीसी कैमरे फॉरेसिंक जांच भी कर सकेंगे। इनमें मुख्यत: डिजिटल एवीडेंस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर के साथ सेंटर पर फेस, रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर, चेहरा पहचानना, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सिस्टम, वीडियो विश्लेषण मुख्या है। इसी प्रकार फोरेंसिक इंवेस्टिगेशन सॉफ्टवेयर, फोटो मिलान करवाने,वीडियो धोखाधड़ी को कम करने, डिजीटल फोटो के सोर्स कैमरे का पता लगाना, एडिट की गई फोटो या वीडियो के और पीडीएफ फाइल्स का पता लगाना, डिजीटल इमेज और वीडियो के बदलाव किए गए हिस्से को हाइलाइट करवाने, अपराधी को पकडऩे के लिए वीडियो फुटेज, वीडियो साक्ष्य की फोरेंसिक जांच करना आसान होगा और पुलिस को भी मदद मिलेगी।