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दो दिन में रोडवेज को 30 लाख का चूना, सरकार और कर्मचारियों के झगड़े में बे—बस मुसाफिर

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 18, 2018 03:29:54 pm

Submitted by:

tej narayan

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Strike on roadways workers in bhilwara

Strike on roadways workers in bhilwara

भीलवाड़ा।


रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार पर समझौते की पालना नहीं करने का आरोप लगाते हुए रोडवेज बसों के के चक्के थाम दिए। दिन मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे। इसके चलते दूसरे बसों का संचालन भी नहीं हो पाया। सफर के लिए बसें नहीं मिलने से करीब 19 हजार यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। वहीं दूसरी और रोडवेज को भी इन दो दिनों में करीब 30 लाख रुपए का चूना लग चुका है।
इससे रोडवेज बस स्टैण्ड पर दिनभर बसों का संचालन नहीं हुआ। यात्री दिनभर अपनी मंजिल तक पहुंचने को परेशान होते रहे। राजस्थान रोडवेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक मनोहरलाल शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने स्टैण्ड के मुख्य द्वार पर बस को आड़े लगाकर संचालन रोक दिया। इससे स्टैण्ड पर बसें कतारबद्ध खड़ी हो गई। कर्मचारी दिनभर प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इससे बस स्टैण्ड पर सन्नाटा पसरा रहा। बसों की सुरक्षा के लिए पुलिस का जाप्ता तैनात रहा। यात्री स्टैण्ड पर पहुंचे तो हड़ताल को देखकर परेशान हो गए बैरंग लौटना पड़ा। कई यात्री हड़ताल खत्म होने के बारे में जानकारी लेते रहे।

रोडवेज के श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर संतोषजनक निर्णय नहीं हो जाता, वे हड़ताल जारी रखेंगे। रोडवेजकर्मी अपनी मांगों को लेकर रविवार रात से हड़ताल पर हैं। रविवार रात 12 बजे से रोडवेज की सभी 25 अनुबंधित सहित 108 बसों के पहिए थमे हुए हैं। भीलवाड़ा आगार की बसों में प्रतिदिन 18 से 19 हजार यात्री सफर करते हैं। रोजाना 15 लाख रुपए से ज्यादा का डिपो को नुकसान हो रहा है। अभी सीजन चल रहा है और इस बीच हड़ताल होने से डिपो को काफी नुकसान हो रहा है।

उधर, रोडवेज श्रमिक संगठन इस हड़ताल की बड़ी वजह सरकार की वादा खिलाफी बता रहे हैं। जुलाई माह में तीन दिन की हड़ताल के बाद सरकार ने संयुक्त मोर्चे से समझौता किया था। उसकी पालना नहीं होने से फिर से हड़ताल की नौबत आई।
108 बसें खड़ी रही
हड़ताल के कारण आगार में 108 बसों के चक्के थम गए। बाहर से आ रही बसें भी स्टैण्ड नहीं पहुंची। सीेधे आगे के लिए रवाना हो गई। यात्रियों को निजी बसों में जाना पड़ा।
30 लाख का नुकसान
रोडवेज बसों का दो दिन से संचालन ठप होने से आगार को दो दिन में करीब 30 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा।

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