आरटीई के तहत शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले में 23 हजार 646 आवेदन किए गए हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार पिछले साल पहली के लिए 5 से 7 साल तक के कुल 2.67 विद्यार्थियों ने आवेदन किया। इनमें 5 से 6 साल तक के करीब 1.56 लाख और 6 से 7 साल तक के 1.11 लाख विद्यार्थी थे। पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1.56 लाख विद्यार्थी इस बार आवेदन से वंचित हो सकते हैं। गत वर्ष 5 से 6 साल तक के करीब 1.10 लाख विद्यार्थियों का पहली कक्षा में दाखिला हुआ था।
निदेशालय ने गाइडलाइन जारी की है। जिला स्तर पर इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। आयु सीमा में बदलाव से आरटीई के तहत प्रवेश के लिए कुछ बच्चे तो वंचित तो होंगे ही।
गोपाललाल सुथार, जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारंभिक शिक्षा
शिक्षा विभाग ने पात्र विद्यार्थियों के परिवार का आय प्रमाण पत्र बदल दिया। अब राजस्व विभाग से तय फॉर्मेट देना होगा। अभिभावकों को चार पेज का यही आय प्रमाण पत्र बनवाना होगा, जो नोटरी अटेस्टेड होगा। दो उत्तरदायी के हस्ताक्षर भी कराने होंगे। पिछले सत्र तक एक पेज का आय प्रमाण पत्र ही मान्य था।
शिक्षा विभाग की नई गाइडलाइन में प्री प्राइमरी में पीपी प्लस 3 आयु सीमा तीन से चार साल एवं कक्षा प्रथम में आयु सीमा छह से सात के मध्य होनी चाहिए। लिहाजा उन्हीं विद्यालयों में प्रवेश हो पाएगा, जिनमें पीपी प्लस 3 है। जो विद्यार्थी पांच से छह वर्ष आयुसीमा में है, उन्हें निशुल्क प्रवेश का पात्र नहीं माना गया।
नई गाइडलाइन में आयु सीमा में बदलाव से जिले में 5 से 6 हजार बच्चे वंचित हो जाएंगे। इससे अभिभावकों को भी काफी दिक्कत हो रही है।
अर्जुन देवलिया, जिलाध्यक्ष निजी शिक्षण संस्थान एसोसिएशन भीलवाड़ा