यह निष्कर्ष यहां शनिवार को महाराणा प्रताप सभागार में अन्तरराष्ट्रीय ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में देश-विदेश से 500 ज्योतिषियों ने निकाला। भारत व नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के नीचे दोनों देशों के राष्ट्रगान व शंखनाद के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। इसमें देश के 22 राज्यों से टेरो कार्ड, हस्तरेखा, जन्मपत्रिका शंखनिधि व ओरा के विषेशज्ञों ने शोधपत्रों का वाचन किया। सभी ज्योतिष वैज्ञानिकों ने भारत राष्ट्र की कुण्डली के साथ ही मोदी और राहुल जन्मकुण्डली का अध्ययन कर निष्कर्षों की घोषणा की।
संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पंडित सीताराम त्रिपाठी ने बताया कि सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली के विश्लेषण में ज्योतिषियों ने अलग-अलग राय दी। कुछ का मानना था कि प्रधानमंत्री मोदी ही बनेंगे। उधर, त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी बनेंगे, लेकिन भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। कुछ सांसदों की जरूरत पड़ेगी। एेसे में एनडीए सरकार बनेगी। कुछ ज्योतिषियों ने कहा कि राहुल की राह आसान नहीं होगी, वहीं कुछ ने कहा कि उनकी कुंडली में इस बार राजयोग की उम्मीद है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि आगामी 2022 मानवयुक्त अतंरिक्ष यान के परीक्षण की इसरो में शंखनाद के साथ उल्टी गिनती शुरू होगी। सम्मेलन में ज्योतिषियों के लिए मंच तैयार करने और ज्योतिषियों की लोकसभा में भूमिका, स्वतंत्र ज्योतिष विश्वविद्यालय खोलने का ज्ञापन भेजने का निर्णय किया गया। पंडित दिनेश कुमार व पवन त्रिपाठी ने स्वागत किया।
सम्मेलन मुख्य अतिथि पं. केए दुबे पद्मेश व डॉ. अरुण बंसल की अध्यक्षता में हुआ। डॉ. एचएस रावत नई दिल्ली, एस्ट्रो दादाजी अषोक भाटिया दुबई, डॉ. कपिल वाल्गो रूस, पं. शुभेश शर्मन, आचार्य डॉ. राजेश ओझा, पं. रमेश भोजराज द्विवेदी, डॉ. प्रकाश भट्टराई नेपाल समेत 21 ज्योतिष वैज्ञानिकों महर्षि शृंग सम्मान दिया गया। कार्यवाहक जिला कलक्टर राजेन्द्र कविया ने सम्मान प्रदान किए।
यह रखी मांग भारत सरकार ज्योतिष विज्ञान को चिकित्सा एवं मौसम विज्ञान की तरह मान्यता देने, ज्योतिष विद्वानों को पद्मश्री जैसे सम्मान देने, राज्यमंत्री का दर्जा देने, सांसद मनोनित करने, प्रधानमंत्री का सलाहकार नियुक्त करने व राष्ट्र ज्योतिष आयोग गठित करने की मांग रखी गई। शंख वैज्ञानिक डॉ. त्रिपाठी ने 16 फरवरी को राष्ट्रीय ज्योतिष दिवस मनाने की मांग रखी।