https://www.patrika.com/economy-news/tips-to-get-cheaper-two-wheeler-loan-1460700/ समस्या की जड़
Loan on two wheeler सरकार ने एक जुलाई से वाहन चालक व मालिक को घर बैठे लाइसेंस व आरसी डाक से पहुंचाने का आदेश परिवहन विभाग के दिए हैं। जिला परिवहन कार्यालयों ने यह कार्य शुरू कर दिया है। भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन का मानना है कि इस व्यवस्था से आरसी वाहन मालिक को मिल रही है या नहीं। वाहन नंबर क्या दिए है। आरसी में लोन की सूचना या एचपीएन का नाम दिया गया है या नहीं। इसकी स्थिति भी साफ नहीं हो रही है।
Loan on two wheeler सरकार ने एक जुलाई से वाहन चालक व मालिक को घर बैठे लाइसेंस व आरसी डाक से पहुंचाने का आदेश परिवहन विभाग के दिए हैं। जिला परिवहन कार्यालयों ने यह कार्य शुरू कर दिया है। भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन का मानना है कि इस व्यवस्था से आरसी वाहन मालिक को मिल रही है या नहीं। वाहन नंबर क्या दिए है। आरसी में लोन की सूचना या एचपीएन का नाम दिया गया है या नहीं। इसकी स्थिति भी साफ नहीं हो रही है।
फाइनेंसरों को यह समस्या
लोन देने के बाद उसकी किस्त कब से शुरू होगी, इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। फाइनेंसरों का कहना है कि आरसी मालिक तक पहुंची है या नहीं, यह सूचना परिवहन विभाग फाइनेंस कम्पनी को मेल पर भेजे। वाहन मालिक को आरसी जारी होने की सूचना दी जाए, ताकि कम्पनियों को पता चल सके कि आरसी में एचपीएन का नाम जुड़ा या नहीं।
लोन देने के बाद उसकी किस्त कब से शुरू होगी, इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। फाइनेंसरों का कहना है कि आरसी मालिक तक पहुंची है या नहीं, यह सूचना परिवहन विभाग फाइनेंस कम्पनी को मेल पर भेजे। वाहन मालिक को आरसी जारी होने की सूचना दी जाए, ताकि कम्पनियों को पता चल सके कि आरसी में एचपीएन का नाम जुड़ा या नहीं।
हर माह चार हजार वाहन उतरते सड़क पर
जिले से त्योहारी सीजन को छोड़कर औसतन प्रतिमाह चार हजार दुपहिया वाहन सड़क पर उतरते हैं। फाइनेंस कंपनियां एक वाहन पर ५० हजार तक का लोन देती है। एक माह में २० करोड़ का लोन दुपहिया वाहनों पर दिया जा रहा है, जो भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन के अनुसार अब असुरक्षित हो गया है। लोन देने के लिए परिवहन विभाग में ६०० कम्पनियां पंजीकृत हैं। वर्तमान में सौ कम्पनियां काम कर रही हैं। एक कंपनी में औसतन २० कर्मचारी काम करते हैं। एेसे में जिले में दो हजार लोगों का रोजगार जा सकता है।
जिले से त्योहारी सीजन को छोड़कर औसतन प्रतिमाह चार हजार दुपहिया वाहन सड़क पर उतरते हैं। फाइनेंस कंपनियां एक वाहन पर ५० हजार तक का लोन देती है। एक माह में २० करोड़ का लोन दुपहिया वाहनों पर दिया जा रहा है, जो भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन के अनुसार अब असुरक्षित हो गया है। लोन देने के लिए परिवहन विभाग में ६०० कम्पनियां पंजीकृत हैं। वर्तमान में सौ कम्पनियां काम कर रही हैं। एक कंपनी में औसतन २० कर्मचारी काम करते हैं। एेसे में जिले में दो हजार लोगों का रोजगार जा सकता है।
त्योहारी सीजन, निपटेंगे कैसे
शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर भी दुपहिया वाहन खरीदने वालों को लोन नहीं मिल पाया। गणेश चतुर्थी, नवरात्र व दीपावली करीब है। मध्यम परिवार के लिए एकमुश्त राशि देकर वाहन खरीदना संभव नहीं है। वह लोन से ही वाहन खरीदता है।
शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर भी दुपहिया वाहन खरीदने वालों को लोन नहीं मिल पाया। गणेश चतुर्थी, नवरात्र व दीपावली करीब है। मध्यम परिवार के लिए एकमुश्त राशि देकर वाहन खरीदना संभव नहीं है। वह लोन से ही वाहन खरीदता है।
लोन देना बन्द
नई व्यवस्था को लेकर फाइनेंस कंपनियों को परेशानी आ रही है। इसे लेकर शनिवार को भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन की बैठक के बाद लोन नहीं देने का निर्णय किया गया है। यह निर्णय प्रदेश स्तर पर जल्द लागू होगा।
जितेन्द्र शर्मा, संगठन मंत्री, भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन
नई व्यवस्था को लेकर फाइनेंस कंपनियों को परेशानी आ रही है। इसे लेकर शनिवार को भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन की बैठक के बाद लोन नहीं देने का निर्णय किया गया है। यह निर्णय प्रदेश स्तर पर जल्द लागू होगा।
जितेन्द्र शर्मा, संगठन मंत्री, भीलवाड़ा फाइनेंस एसोसिएशन