scriptबहुचर्चित एकलव्य हत्याकांड: छह माह के मासूम के हत्यारों को उम्रकैद | life imprisonment for killers of innocent in bhilwara | Patrika News

बहुचर्चित एकलव्य हत्याकांड: छह माह के मासूम के हत्यारों को उम्रकैद

locationभीलवाड़ाPublished: Nov 02, 2018 12:00:16 am

Submitted by:

tej narayan

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life imprisonment for killers of innocent in bhilwara

life imprisonment for killers of innocent in bhilwara

भीलवाड़ा।

अपर सेशन न्यायालय संख्या तीन ने साढ़े आठ साल पूर्व शहर में चर्चित एकलव्य हत्याकाण्ड में तीन जनों को गुरुवार को दोषी माना। छह माह के बालक का अपहरण कर हत्या के जुर्म में अदालत ने चाचा आरसी व्यास कॉलोनी के ओमप्रकाश पुत्र शंकरलाल शर्मा तथा सुभाषनगर के पथवारी के निकट रहने वाला कुलदीपसिंह राजपूत को हत्या के जुर्म में उम्रकैद सुनाई।
वहीं पालड़ी के अविनाश लुहार को अपहरण का दोषी मानते सात साल की सजा सुनाई। 2 अप्रेल 2010 को मृतक एकलव्य के पिता पंकज व्यास ने कोतवाली में मामला दर्ज कराया कि उनके घर दो युवक आए व खुद को दाधीच समाज का बताते भीलवाड़ा के रामस्नेही चिकित्सालय में बच्चों का चिकित्सा शिविर लगाने की बात कही। 2 अप्रेल को पत्नी रेणू और बहन जया छह माह के एकलव्य को लेकर रामस्नेही अस्पताल पहुंची, जहां अविनाश व कुलदीप मौजूद थे। उन्होंने दूसरी मंजिल पर शिविर में दिखाकर लाने की बात कहते रेणू से एकलव्य को ले लिया व चले गए। दस मिनट युवक नहीं लौटे तो रेणू ने दूसरी मंजिल पर जाकर देखा।
वहां शिविर नहीं था। युवकों के मोबाइल पर सम्पर्क किया तो रिसीव नहीं हुआ। करीब एक घंटे बाद फोन उठाया तो उन्होंने अपहरण की बात कहीं। उसके बाद मोबाइल बंद कर दिया। उसके बाद बालक का पता नहीं लगा। आठ दिन बाद मामला खुला और दूर के रिश्ते में चाचा ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया। उसके साथी कुलदीप व अविनाश को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने एकलव्य का अपहरण कर उसे मोपेड की डिक्की में बंद कर दिया। डिक्की पर ओम प्रकाश बैठ गया। शव चित्तौडग़ढ़ के खातनखेड़ी बावड़ी में फेंक दिया। कोतवाली पुलिस ने शव बरामद कर अदालत में चालान पेश किया। अपर लोक अभियोजक श्यामलाल गुर्जर ने अभियुक्तों के खिलाफ ६६ गवाह और २२७ दस्तावेज पेश करके आरोप सिद्ध किया।
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