विशिष्ट लोक अभियोजक सविता शर्मा ने सनीफ व अमजद के खिलाफ ५६ गवाह व दस्तावेज पेश किए। कोर्ट ने सनीफ को धारा 376, 386, 379, 384 व 120 बी के तहत दोषी माना। अमजद को धारा 368,384, 120 बी के तहत दोषी माना। अभियोजन पक्ष के अनुसार जहाजपुर थाने में 13 जून 2005 को एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दी कि पारिवारिक काम से पत्नी के साथ भीलवाड़ा आया था। गांव से पिता ने फोन किया कि उसकी बेटी 12 जून 2005 की रात से लापता है। घर से सोने की चार चूडी व जेवरात तथा बीस हजार रुपए नकद भी गायब मिले। बेटी को जहाजपुर का सनीफ उर्फ मुन्ना (23) पुत्र नन्हे खां ले भागा।
पुलिस ने पीडि़ता को छुड़ाया व सनीफ को 27 नवम्बर 2005 को गिरफ्तार किया। सनीफ की सूचना पर पीडि़ता को छुपाने व गहने बेचने के आरोप में जयपुर के शमशाद अली को 5 दिसम्बर को पकड़ा। पुलिस ने सनीफ की मदद पर भीलवाड़ा के अमजद परवेज (26) पुत्र शफी मोहम्मद व कुसुमलता दाधीच (25) को 18 दिसम्बर 2005 को चित्तौडग़ढ़ से पकड़ा व वारदात में इस्तेमाल कार बरामद की।
पीडि़ता ने बताया कि सनीफ उसे अगवा कर अहमदाबाद ले गया व जबरन निकाह किया। उसे उदयपुर व जयपुर में भी रखा। सनीफ की अमजद व कुसुम ने मदद की। पुलिस ने चारों आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया। अतिरिक्त सेशन न्यायालय (महिला उत्पीडन) में प्रकरण ट्रायल के दौरान हाईकोर्ट से कुसुमलता को 26 अक्टृूबर 2007 को आरोप से डिस्चार्ज कर दिया गया। अन्य अभियुक्त शमशाद की 24 नवम्बर 2014 को मौत हो गई।