भीलवाड़ा

एक और 45 दिन का मासूम बना अंधविश्वास का शिकार, गर्म चिमटे से दागते नहीं कांपे निर्दयी परिजनों के हाथ, हालत गंभीर

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भीलवाड़ाSep 19, 2018 / 02:54 pm

tej narayan

Innocent superstition Hunt in bhilwara

भीलवाड़ा।
जिले में एक के बाद एक मासूम लगातार अंधविश्वास का शिकार हो रहे हैं। परिजन जानू बूझकर झाड़ फूंक, अंधविश्वास और टोने टोटके के चक्कर में अपने मासूमों की जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं। इसमें कई मासूम अपनी जिंदगी गंवा बैठे है। इन मामलों में पुलिस प्रशासन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाया है। वहीं सामाजिक संगठन भी इन कुप्रथाओं पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं। इसी अंधविश्वास और दकियानूसी विचारों के चलते बिजौलियां थाना क्षेत्र के चिताबड़ा गांव में एक और 45 दिन का मासूम बुधवार को निर्दयी परिजनों के हाथों का शिकार बना। मासूम दर्द से कहराता रहा और निर्दयी परिजन उसे गर्म लाल चिमटे से दागते रहे। जब हालत बिगड़ी तो उसे लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है।
 

जानकारी के अनुसार बिजौलिया थाना क्षेत्र के चिताबड़ा निवासी गिरधारी कंजर की 45 दिन की मासूम बेटी आंचल को श्वास की परेशानी थी। इस पर मासूम की दादी ने जलते चूल्हे में से चिमटे को लाल कर मासूम के पेट पर दाग कर डाम लगा दिया। मासूम दर्द से कहराता रहा, लेकिन निर्दयी परिजनों के हाथ नहीं कांपे। वे उसे लगातार दागते रहे। जब मासूम की हालत ज्यादा बिगड़ी तो उसे लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां गहन शिशु चिकित्सा इकाई में बच्चे को भर्ती कराया गया। मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। एमजीएच के डॉ हासम खाने ने बताया कि बच्चे को श्वास लेने के परेशासनी आ रही है।
 

मासूम की दादी को किसी चालक ने बताया डाम लगाना
मासूम की मां सोनू कंजर ने बताया कि आंचल को निमोनिया की शिकायत होने पर उसकी दादी को चालक सूरजमल ने डाम लगाने की बात कही थी। जिस पर दादी ने गर्म चिमटे से मासूम के पेट पर दाग कर डाम लगाया। इसके बाद मासूम की हालत बिगड़ गई। परिजन उसे लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे।

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