जहाजपुर की तरफ से गिट्टी भरकर आ रहे ट्रैक्टर की टेप खोल कर चालान की पूर्ति कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में रोजाना 200 से 300 ट्रैक्टर दिन दिनरात चल रहे है। इसमें कई चालक नाबालिक है। इससे आए दिन छोटे बड़े हादसे भी हो रहे हैं।
गौरतलब है कि बनास नदी में पानी की आवक होने के बावजूद भी जान जोखिम में डालकर बजरी का दोहन किया जा रहा है। घाटारानी, रामगढ़ एवं पीपलूंद चौराहा से बजरी का अवैध कारोबार संचालित हो रहा है। इस मार्ग से देर रात ट्रकों में बजरी का लदान कर बूंदी व कोटा जैसे बड़े शहरों में पहुंचाई जा रही है।
उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह ने बजरी माफियाओं पर कार्रवाई की हिम्मत दिखाई, लेकिन पुलिस महकमे की उदासीनता एवं अधिकारियों के स्थानांतरण से रिक्त हुए पदों से उनकी भी हिम्मत जवाब दे गई। रामगढ़, रावत खेड़ा, तरणिया खेड़ा के आसपास रात में जेसीबी से सैकड़ों ट्रैक्टरों में बजरी का लदान कर रहे हैं। क्षेत्रों में अवैध तरीके से सरकारी भूमि पर बजरी के स्टॉक संचालित है।